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मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई द्वारा मंदनगढ़ में नवस्थापित सिविल और आपराधिक न्यायालय के परिसर में डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण

मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई द्वारा मंदनगढ़ में नवस्थापित सिविल और आपराधिक न्यायालय के परिसर में डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण

भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मंदनगढ़ में नव स्थापित सिविल और आपराधिक न्यायालय के परिसर में महान मानवतावादी और भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण गवई ने 12 अक्टूबर, 2025 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मांडणगड में नव-स्थापित सिविल और आपराधिक न्यायालय परिसर में भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस समारोह के मुख्य बिंदु
यह न्यायालय डॉ. आंबेडकर के पैतृक गांव अंबाडवे के तालुका में स्थित है। मांडणगड में लगभग 70 वर्षों के बाद कोई न्यायिक सुविधा मिली है।
इस उद्घाटन के समय मुख्य न्यायाधीश के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे।

इस दौरान अपने भाषण में बोलते समय सीजेआई गवई ने कहा कि समाज के आखिरी व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने के महत्व को समझने पर जोर दिया और कहा कि न्याय सुलभ, कुशल और डॉ. आंबेडकर के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नया न्यायालय निचले स्तर पर न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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