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मुस्लिम वोट को लेकर U.P में खींचतान.. बिहार चुनाव के बाद क्यों BJP पर बरसे अखिलेश यादव

मुस्लिम वोट को लेकर U.P में खींचतान.. बिहार चुनाव के बाद क्यों BJP पर बरसे अखिलेश यादव

बिहार चुनाव के नतीजों के बाद महागठबंधन के प्रमुख घटक दल समाजवादी पार्टी में भी बौखलाहट साफ़ नजर आ रही है. जिस तरह से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 24 सीटों पर चुनाव लड़कर 5 सीटें जीतीं और महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस 61 सीटों पर लड़कर सिर्फ 6 सीटें जीतने में कामयाब रही, उसके बाद से यूपी की सियासत में उफान देखने को मिल रहा है.

लखनऊ. बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM की शानदार कामयाबी और महागठबंधन की करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है. असदुद्दीन ओवैसी ने साफ संकेत दे दिए हैं कि 2027 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कम से कम 48 सीटों पर जोरदार दावेदारी करेगी. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर ओवैसी और मायावती के बीच गठजोड़ हुआ तो मुस्लिम बहुल इलाकों में सपा को भारी नुकसान हो सकता है.कहा जा रहा है कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर तीखा हमला बोला. उनका पूरा फोकस मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर था. अखिलेश ने वाराणसी के दालमंडी और लखनऊ के अकबरनगर में हो रहे ध्वस्तीकरण को “राजनीतिक डिमोलिशन” करार दिया.

भाजपा की संकीर्ण सियासत
अखिलेश ने कहा, “काशी को क्योटो बनाने की बात कही गई थी, लेकिन वहां सिर्फ राजनीतिक प्रोजेक्ट पूरा किया जा रहा है. दालमंडी के कारोबारी दशकों से वहां दुकान चला रहे हैं, अब उन्हें दाल की तरह दला जा रहा है. सरकार ने रास्ता देने का वादा किया था, लेकिन अब दुकानें तो दे सकते हैं, बाजार और ग्राहक नहीं दे सकते. यह चौड़ीकरण नहीं, भाजपा की संकीर्ण सियासत की साजिश है.”

उन्होंने लखनऊ के अकबरनगर का जिक्र करते हुए कहा, “पूरा अकबरनगर को मिट्टी में मिला दिया गया. वहां के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री आवास का नक्शा तक पास नहीं है, लेकिन गरीबों-मुस्लिमों की झुग्गी-दुकानों पर बुलडोजर चला दिया जाता है. जहां भाजपा को फायदा होता है वहां हजारों करोड़ का मुआवजा, जहां नुकसान वहां कुछ नहीं.”

वाराणसी में मेट्रो प्रोजेक्ट को भी मुद्दा बनाया
अखिलेश ने वाराणसी में मेट्रो प्रोजेक्ट को भी मुद्दा बनाया और आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर विकास कार्य रोक रही है ताकि बुलडोजर के बहाने वोटों का ध्रुवीकरण किया जाए. उन्होंने कहा, “अयोध्या में भी यही किया गया, चुनाव में नतीजा सबने देखा. काशी में भी यही दोहराया जा रहा है. भाजपा दालमंडी में इसलिए कार्रवाई कर रही है क्योंकि वहां वह कभी जीतती नहीं.”

अधिकारियों पर भी निशाना साधा
सपा प्रमुख ने अधिकारियों पर भी निशाना साधा और कहा, “भाजपा वाले अफसरों के जरिए ताकत दिखा रहे हैं. बड़े-बड़े लोगों से मिलकर कोई साजिश तो नहीं रच रहे? यह अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है.” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार में ओवैसी की 5 सीटें जीतों ने सपा-कांग्रेस गठबंधन में खलबली मचा दी है. मुस्लिम वोटों का बिखराव रोकने के लिए अखिलेश अब खुलकर बुलडोजर और ध्वस्तीकरण के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के साथ खड़े होने का संदेश दे रहे हैं. दूसरी ओर ओवैसी ने साफ कहा है कि यूपी में वह उन सभी सीटों पर लड़ेंगे जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक हैं.

मुस्लिम वोट को लेकर खींचतान
2027 का यूपी चुनाव अभी दूर है, लेकिन मुस्लिम वोट बैंक को लेकर तीन तरफा खींचतान शुरू हो चुकी है. एक तरफ भाजपा का हिंदुत्व कार्ड, दूसरी तरफ सपा का बुलडोजर-विरोधी स्टैंड और तीसरी तरफ ओवैसी की आक्रामक क्षेत्रीय राजनीति. आने वाले दिनों में इस जंग का असर पूरे राज्य की सियासत पर दिखना तय है.

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