इंदौर की मूक बधिर छात्रा वर्षा डोंगरे ने ‘मिस इंडिया अवार्ड’ हासिल कर कीर्तिमान रचा है। पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के आगरा में आयोजित सामान्य प्रतिभागियों की ‘स्टार लाइन मिस इंडिया कांटेस्ट’ में एक हजार प्रतियोगी शामिल हुए थे। इनमें 40 का सिलेक्शन हुआ था। उसमें वर्षा ने यह उपलब्धि हासिल की।
5 अगस्त को आगरा में ‘स्टार लाइन मिस इंडिया कांटेस्ट’ आयोजित की गई थी। इसमें वर्षा अकेली ऐसी मूक बधिर थी, जो सामान्य प्रतियोगियों में शामिल हुई थी। वर्षा ने सांकेतिक भाषा में बताया कि वह अब ‘मिस यूनिवर्स’ की तैयारी करना चाहती है। उसकी साथी मानसी पटेल ने बताया, वर्षा ने पहले मूक बधिरों का ‘मिस एमपी अवाॅर्ड’ जीता था। फिर आगरा में आयोजित कॉन्टेस्ट में भाग लिया। कलेक्टर ने उसे भरोसा दिलाया कि ‘मिस यूनिवर्स’ की तैयारी के लिए उसे सामाजिक न्याय विभाग द्वारा मदद की जाएगी।
वर्षा बीकॉम सेकंड ईयर की भी तैयारी कर रही है। उसे माता-पिता, छोटी बहन व चाचा भी मूक-बधिर हैं। परिवार पहले खंडवा में रहता था। अब इंदौर में ही है। पिता की कुछ साल पहले ही मौत हुई है। पिताजी का सपना था, वह जिंदगी में अच्छा काम करें। इसके चलते वह इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके साथ ही पढ़ाई में भी अव्वल आकर खुद का व शहर का नाम रोशन करना चाहती है।
अभी उसे ‘मिस इंडिया अवार्ड’ की तैयारियों करने में काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। इसके लिए उसे इंदौर व खण्डवा जिला प्रशासन ने रेडक्रॉस के जरिए उसकी कुछ मदद की थी। इसके साथ ही कुछ समाजजनों ने सहयोग किया। इस तरह 60 हजार रु. से ज्यादा खर्च हुए थे। परिवार ने उसके ‘मिस यूनिवर्स’ की तैयारियों के लिए लोगों से अपील की है कि वे उसे आर्थिक मदद करें।
इंसानियत का दिखाया जज्बा
हाल में आगरा में आयोजित सामान्य प्रतियोगियों की ‘स्टार लाइन मिस इंडिया कांटेस्ट’ में एक हजार के बीच मिस इंडिया का अवाॅर्ड हासिल करने वाली इंदौर की मूक-बधिर छात्रा वर्षा डोंगरे ने अब मानव सेवा में जज्बा दिखाया है।
‘विश्व अंगदान दिवस’ के मौके पर आयोजित वेबिनाॅर में उसने मृत्यु पश्चात अंगदान देने की घोषणा की है। खास है, वर्षा के साथ देशभर के 200 मूक-बधिरों ने भी मृत्यु पश्चात अंगदान की शपथ ली है। वर्षा ने शुक्रवार को विधिवत अंगदान फॉर्म भी भर दिया, जबकि 200 मूक-बधिर शपथ के बाद अपने-अपने राज्यों में प्रक्रिया पूरा करेंगे। देशभर में यह पहला मौका है, किसी दिव्यांग मिस इंडिया अवाॅर्डी समेत 200 मूक बधिरों ने अंगदान का संकल्प लिया है।
वर्षा कहना है, भले ही मैं मूक-बधिर हूं, लेकिन मेरी मौत के बाद मेरी किडनी, आंखें व अन्य अंग किसी के काम आ सकें, इससे बड़ी दौलत मेरे लिए और कुछ नहीं हो सकती। 13 अगस्त को ‘विश्व अंगदान दिवस’ पर अंग प्रत्यारोपण से जुड़े मोहन फाउंडेशन, रोटरी क्लब ऑफ आदर्श, आनंद सर्विस सोसायटी (इंदौर) व पहल फाउंडेशन द्वारा वेबिनार आयोजित की गई। इसमें देशभर के मूक-बधिर संगठनों ने हिस्सा लिया।