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परिसीमन पर हेमंत सोरेन का बयान, बोले- ‘आदिवासी-दलित सीटें कम करने की साजिश’

परिसीमन पर हेमंत सोरेन का बयान, बोले- ‘आदिवासी-दलित सीटें कम करने की साजिश’
  • झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि परिसीमन की प्रक्रिया एक सुनियोजित ‘साजिश’ और ‘छिपे एजेंडे’ के तहत लायी जा रही है ताकि आदिवासी और दलितों के लिए आरक्षित सीटों को कम किया जा सके।

बजट सत्र के आखिरी दिन सोरेन ने कहा, ‘‘परिसीमन की कवायद के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा है, जो है आदिवासी और दलितों के लिए आरक्षित सीटों को कम करना। पहले भी ऐसी कोशिशें की गई थीं, जिन्हें दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने विफल कर दिया था। लेकिन इस बार इसे पूरे देश के लिए एक सुनियोजित साजिश के तहत आगे लाया जा रहा है।’’

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के समापन भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा-इन्होंने पूरे देश में परिसीमन का षड्यंत्र रचा है। लेकिन सरकार रहे या जाए, परिसीमन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। जनता के दरबार में जाएंगे। वहीं निर्णय होगा। क्योंकि इनका एक ही एजेंडा है कि आदिवासी सीटों को कैसे खाया जाए। उन्होंने कहा कि सरना धर्म कोड, खतियान आधारित स्थानीय नीति जैसे मुद्दों पर जनता को आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी।

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हेमंत ने कहा कि ये चुनाव आयोग को कुछ नहीं समझते। जनादेश मिले या न मिले, ये हर हाल में सत्ता पर काबिज होना चाह​ते हैं। अधिक से अधिक राज्यों में अपनी सरकार बनाना चाहते हैं, ताकि हमारे सुरक्षा कवच संविधान को फेंक सकें। इनका व्यवहार बहुत खतरनाक है। ये जहर बोते हैं, ताकि लोगों में तनाव हो। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सभी साजिशों और सरकार गिराने के प्रयासों के बाद भी हमारी सरकार पहले से अधिक मजबूती के साथ सत्ता में आई है। जनता ने विपक्ष का असली चेहरा देख लिया है। इनका नकाब पूरी तरह उतर चुका है। सीएम ने कहा कि पहले इनकी सरकार थी। इन्होंने राज्य को तो भटकाया ही, खुद भी भटक गए। संख्या भी कम हो गई। इनका एक नेता कहता है कि संथाल परगना को झारखंड से अलग कर दो। एक नेता सरायकेला को अलग करने की बात कहता है। उन्होंने कहा कि हम जैसे कमजोर और आदिवासी लोग जब सीएम बनते हैं तो इन्हें तकलीफ होती है।

उन्होंने भाजपा नेता अनिल महतो ‘टाइगर’ की हत्या की निंदा की और कहा कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

सोरेन ने कहा, ‘‘घटना कल हुई, मैं इसकी निंदा करता हूं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने आज मृतक के परिजन से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’

मुख्यमंत्री के भाषण से पहले भाजपा के विधायकों ने सदन बहिगर्मन वाकआउट।

भाजपा पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि उनके नेता केवल राज्य और देश के सर्वांगीण विकास के बारे में बोलते हैं, लेकिन कुछ नहीं करते। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनका एकमात्र लक्ष्य सत्ता हथियाना है, भले ही उन्हें जनादेश न मिले। इसके पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा है। वे चाहते हैं कि अधिक से अधिक राज्यों में उनकी सरकार हो, ताकि वे देश के वर्तमान संविधान को बदल सकें।’’

सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया।

उन्होंने कहा कि सरकार का जोर सामाजिक सुरक्षा पर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार करीब 58 लाख महिलाओं को मईया सम्मान योजना का लाभ दे रही है। योजना का असर एक-दो साल में दिखने लगेगा। सरकार इस योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।’’

सोरेन ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह दिल्ली समेत कई राज्यों में महिलाओं को मइया सम्मान जैसी योजना देने का वादा करके सत्ता में आई, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अनाथ और शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही वाल्मीकि छात्रवृत्ति योजना शुरू करेंगे, जिसके तहत ऐसे छात्रों को दैनिक जरूरतों, अध्ययन सामग्री और अन्य खर्चों के लिए 4,000 रुपये दिए जाएंगे।’’

सोरेन ने कहा कि सरकार राज्य के लोगों के लिए हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा शुरू करने की भी तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें केंद्र से हमारा बकाया नहीं मिल रहा है। विभिन्न कोयला कंपनियों से 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया है। इसके अलावा, मनरेगा में 1,200 करोड़ रुपये और पेयजल योजना के तहत 6,000 करोड़ रुपये से अधिक केंद्र के पास लंबित हैं।’’

विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी को शुरू हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने बृहस्पतिवार को विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

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