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अनु. जाति एवं अनु.जनजाति के वोटरों को लुभाने के लिए नितीश कुमार का नया दांव , टैब – स्मार्टफोन के लिए १० से २५ हजार रू. की धनराशि बांटेगी सरकार

अनु. जाति एवं अनु.जनजाति के वोटरों को लुभाने के लिए नितीश कुमार का नया दांव , टैब – स्मार्टफोन के लिए १० से २५ हजार रू. की धनराशि बांटेगी सरकार

बिहार चुनाव नज़दीक आते ही , विकास मित्रों को टैब खरीदने के लिए 25-25 हजार और शिक्षा सेवियों को स्मार्टफोन करने के लिए 10-10 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह अपने एक्स हैंडल पर की है।

बिहार : विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने ऐलानों की झड़ी लगा रखी है उनके पिटारे में सभी वर्गों के लिए कुछ ना कुछ है. आंगनवाड़ी रसोईया दीदी , जीविका दीदी , शिक्षक एवं अन्य वर्गों के बाद मुख्यमंत्री ने विकास मित्रों और शिक्षा सेवकों के लिए तथा दलित, ओबीसी , मुसलमान समाज को रविवार का तोहफ़ा देकर फिर एक मास्टरस्ट्रोक लगा दिया है.

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि विकास मित्रों को टैब ख़रीदने के लिए २५ , हज़ार रुपये और शिक्षा सेवियों को स्मार्ट फ़ोन ख़रीदने के लिए 10, हज़ार रूपये दिए जाएंगे। न्याय के साथ विकास भी जरुरी है इसके लिए समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए उनकी सरकार लगातार काम कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचाने में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसलिए महादलित विकास मिशन के अंतर्गत कार्यरत प्रत्येक विकास मित्र को २५ हज़ार रुपये और शिक्षा सेवियों को स्मार्ट फ़ोन ख़रीदने के लिए 10 हज़ार रूपये दिए जाएंगे। ताकि उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए डाटाबेस तैयार करने में आसानी हो. इसके अलावा उनका परिवहन भत्ता १९०० रुपये से बढ़ाकर २५०० रुपया प्रतिमाह किया जायेगा. इसके अलावा Stationery भत्ते में भी नौ सौ रुपया से १५०० रुपये की बढ़ोत्तरी की जाएगी.
अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग के लिए भी ऐलान किया है। इन वर्गों के बच्चों तक शिक्षा का लाभ पहुंचने के लिए तथा महिलाओ को तांत्रिक दृष्टी से सक्षम बनाने के लिए स्मार्ट फ़ोन खरीदने के लिए १० हजार रुपये की राशि देने का निर्णय लिया गया है. शिक्षा सेवकों के लिए शिक्षण सामग्री में भुगतान की जा रही राशि को 3405 रुपये से बढ़ाकर छह हज़ार रुपया प्रति केंद्र प्रतिवर्ष किये जाने का निर्णय लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इससे विकास मित्रों एवं शिक्षा सेवकों के मनोबल में वृद्धि होगी और वह अधिक उत्साह एवं लगन से अपने कार्यों का निष्पादन करेंगे।

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