सोनम वांगचुक का जोधपुर जेल से आया भावुक मैसेज. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र जांच तक मैं जेल में रहने के लिए तैयार हूं. उन्होंने लद्दाख हिंसा पर न्यायिक जांच की मांग की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील.
लेह में हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में जोधपुर जेल में रखे गए क्लाइमेट एक्टिविस्ट वांगचुक ने शनिवार को जेल से एक भावुक सन्देश भेजा. उन्होंने यह मैसेज अपने बड़े भाई त्सेतन दोरजे ले और वकील मुस्तफा हाजी के जरिए उनसे मुलाकात के दौरान भेजा था.
वांगचुक का ये मैसेज लद्दाख और पूरे भारत के लोगों के लिए है. इस मैसेज में वांगचुक ने अपनी सेहत की जानकारी दी और सभी की चिंताओं व प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने लेह में हुई हिंसा में मारे गए चार लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. वांगचुक ने हत्याओं की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि जब तक यह जांच पूरी न हो, वे जेल में रहने को तैयार हैं.
मैं ठीक हूं…
वांगचुक ने अपने भेजे मैसेज में कहा, ‘मैं शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक हूं और सभी की चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देता हूं.’ उन्होंने आगे जोड़ा, ‘मेरी हार्दिक संवेदनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई, और मेरी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं जो घायल हुए हैं और गिरफ्तार किए गए हैं.’ वांगचुक ने स्पष्ट शब्दों में मांग की, ‘हमारे चार लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच होनी चाहिए, और जब तक यह नहीं होती, मैं जेल में रहने के लिए तैयार हूं.
वांगचुक ने कहा कि एपेक्स बॉडी, कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) और लद्दाख के लोगों के साथ अपनी एकजुटता जताई. मैं एपेक्स बॉडी और KDA के साथ छठी अनुसूची तथा राज्य के लिए संवैधानिक मांग में दृढ़ हूं और एपेक्स बॉडी की हर कार्रवाई में उनके साथ हूं. वांगचुक ने लोगों से शांति और एकता बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों से शांति और एकता बनाए रखने और हमारे संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने की अपील करता हूं.

हिंसा के बाद हुई वांगचुक की गिरफ्तारी
वांगचुक की गिरफ्तारी 26 सितंबर 2025 को हुई थी, जो लेह में प्रदर्शनों के दो दिन बाद थी. इन प्रदर्शनों में लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की स्थिति की मांग की जा रही थी. हिंसा में चार लोग मारे गए और 90 से अधिक घायल हुए. NSA के तहत गिरफ्तारी के बाद वांगचुक को राजस्थान के जोधपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं पत्नी
वांगचुक की पत्नी गीताजंलि जे अंगमो ने उनकी हिरासत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में तत्काल रिहाई की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार, 6 अक्टूबर 2025 को इस याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट की कारण सूची के अनुसार, यह मामला न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एनवी अंजरिया की पीठ सुनावई करेगी. वांगचुक के समर्थक और कार्यकर्ता कोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लद्दाख आंदोलन के नेता इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं.