जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। लेह में राज्य का दर्जा और इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।सरकार ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है
लेह: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है । लेह में राज्य का दर्जा और इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि, वांगचुक पर लगाए गए आरोपों का अभी पता नहीं चला है। सरकार ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है और आरोप लगाया है कि कार्यकर्ता ने ‘नेपाल के जेनरेशन जेड विरोध’ और ‘अरब स्प्रिंग-शैली के विरोध’ जैसे संदर्भों का इस्तेमाल करके ‘युवाओं को भड़काया’।
डीजीपी के नेतृत्व वाली टीम ने किया अरेस्ट
अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस डी सिंह जामवाल के नेतृत्व में पुलिस दल ने दोपहर 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उनके स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द करने के एक दिन बाद हुई है। मंत्रालय की यह कार्रवाई संगठन के खातों में पाई गई कई कथित विसंगतियों पर आधारित थी। इसमें स्वीडन से एक फंड ट्रांसफर भी शामिल था, जिसे मंत्रालय ने राष्ट्रीय हित के विरुद्ध पाया।
लेह में कर्फ्यू जारी
लेह शहर में लगातार तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की ओर से बुलाए बंद के दौरान व्यापक झड़पों में चार लोगों की मौत और लगभग 90 लोगों के घायल होने के बाद बुधवार शाम को ये प्रतिबंध लगाए गए थे। अब तक 50 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
सभी स्कूल-कॉलेज हैं बंद
जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने लेह के सभी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है। कारगिल में भी निषेधाज्ञा लागू है। जहां भारी सुरक्षा बल तैनात हैं। हालांकि, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) की ओर से बुलाए एक दिन के बंद के बाद शुक्रवार को दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान फिर से खुल गए।

वांगचुक की संस्था के खिलाफ कारवाई उचित
इससे पहले लद्दाख में हाल में हुई हिंसक घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की संस्था का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था। इस कार्रवाई पर लद्दाख के उपराज्यपाल (एलजी) कविंदर गुप्ता ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
जल्द ही सब कुछ सामान्य होने की उम्मीद-राज्यपाल
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है और जल्द ही सब कुछ सामान्य होने की उम्मीद जताई है. यहाँ धारा 163 लागू की गई है।एक-दो दिन में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद भी उन्होंने जताई है. सोनम वांगचुक की संस्था के पर जो करवाई हुयी है वह सबूतों के आधार पर हुयी है
. ऐसे लोगों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी ऐसी प्रतिक्रिया भी उन्होंने दी।
एसईसीएमओएल संस्था का लाइसेंस रद्द
उपराज्यपाल ने विदेशी शक्तियों के कथित हस्तक्षेप का जिक्र करते हुए आगे कहा कि कुछ नाम सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि हो चुकी है और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द कर दिया। सोनम वांगचुक से यह संस्था जुड़ी है।
गृह मंत्रालय के आदेश
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि एसईसीएमओएल (जिसे आगे ‘एसोसिएशन’ कहा गया है) को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, २०१० (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या 152710012आर जारी कर पंजीकरण दिया गया था, ताकि सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विदेशी अंशदान ( ‘एफसी’ ) प्राप्त किया जा सके। इस एसोसिएशन को २० अगस्त को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा गया था, जिसके बाद १० सितंबर को ईमेल भेजी गई थी, जिसमें अधिनियम की धारा १४ के तहत संगठन के एफसीआरए पंजीकरण को रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए, इस बारे में कारण बताने को कहा गया था।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में इंटरनेट सेवा बंद
लद्दाख की राजधानी लेह में शुक्रवार, 26 सितंबर को पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद पूरे इलाके में इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया है, ताकि उनके समर्थकों की ओर से किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव की स्थिति उत्पन्न न हो।
Apex Body Leh ने हिंसा से बनायीं दूरी
लद्दाख राज्य के दर्जा की मांग के लिए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन Apex Body Leh ने २४ सितंबर को हुई हिंसा से दूरी बनाई है। संगठन का कहना है कि उनका आंदोलन हमेशा शांतिपूर्ण और अहिंसात्मक रहेगा और हिंसा उस समय हुई जब कुछ युवाओं ने नियंत्रण खो दिया। संगठन ने स्पष्ट किया कि सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल के दौरान हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।

अरविन्द केजरीवाल और लोगों ने जताई गिरफ़्तारी पर नाराज़गी
अरविन्द केजरीवाल ने वांगचुक की गिरफ़्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह सरकार लोगो को दबाकर रखना चाहती है. जो भी उनके खिलाफ जायेगा उसका हश्र यही करते है, मगर रावण का भी अंत हुआ था उसी तरह तानाशाह सरकार का भी अंत बुरा होगा.सोनम वांगचुक को लद्दाख पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। लेह में राज्य का दर्जा और इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी।सरकार ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है। मगर स्थानिक लोगों का कहना है की बीजेपी सरकार की आदत हो चुकी है , जो भी उनके खिलाफ जायेगा वह उसे जेल में बंद कर देंगे. सोनम वांगचुक ने अपनी पूरी ज़िन्दगी लदाख के लोगो की भलाई और पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम उठाने में लगा दी, जिसका उन्हें यह फल मिल रहा है.
वांगचुक ने जाहिर की थी गिरफ़्तारी की संभावना
लेह में राज्य का दर्जा और इस क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों पर सरकार का जो रवैया रहा है उसको देखते हुए सोनम वांगचुक ने अपनी गिरफ़्तारी की संभावना व्यक्त की थी. साथ ही यह भी कहा था की जेल में रखकर सोनम वांगचुक को रोकना सरकार के लिए मुमकिन नहीं हो पायेगा.