अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद हजारों अफगानी यहां से भागना चाहते हैं। तालिबान भले ही यह कहता रहे कि वह लोगों की रक्षा करेगा और किसी को परेशानी नहीं होने देगा, लेकिन हकीकत तो यही है कि तालिबान का दमनकारी शासन शुरू हो गया है। तालिबान के काबुल पर कब्जा करते ही अफगानिस्तान 20 साल पीछे पहुंच गया है।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के साथ ही काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ लग गई है। सोमवार को जहां दुनिया ने उड़ते विमान से नीचे गिर रहे लोगों को देखा, तो वहीं अब मंगलवार को एक और तस्वीर आई है जो वहां की भयावह स्थिति बयां कर रही है। यह तस्वीर अमेरिकी वायुसेना के सी-17 विमान की है। इस विमान में यात्रियों की जो भीड़ दिखी, वह मुंबई की लोकल ट्रेन से भी ज्यादा है। इस अमेरिकी कार्गो में करीब 640 अफगानी नागरिक भरे हुए दिख रहे हैं, जबकि आमतौर पर इस विमान में 150 सैनिक सफर कर सकते हैं
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के फैसले का बचाव किया है। उन्होंने अफगान नेतृत्व को बिना किसी संघर्ष के तालिबान को सत्ता सौंपने के लिए जिम्मेदार ठहराया . साथ ही बाइडेन ने तालिबान को चेतावनी दी कि अगर उसने अमेरिकी कर्मियों पर हमला किया या देश में उनके अभियानों में बाधा पहुंचायी, तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई करेगा.अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा और अफगान सरकार के गिरने के बाद अपने पहले संबोधन में, बाइडेन ने वहां की मौजूदा स्थिति के लिए अफगान नेताओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अफगान नेताओं ने हार मान ली और देश छोड़कर भाग गए, इसलिए सेना का पतन हो गया.