आगामी 6 दिसंबर 2025 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ता पूरे देश में मिशनरी भावना से कार्यक्रम आयोजित करें। उन्होंने कहा कि यह आयोजन विरोधी दलों की तरह केवल दिखावे का नहीं बल्कि बी.एस.पी. की परम्परा के अनुरूप जन-जागरण का प्रतीक होना चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रहीं बहन कु. मायावती ने पार्टी की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों के साथ हुई राज्यवार समीक्षा बैठक में पार्टी संगठन की मजबूती और सर्वसमाज में जनाधार विस्तार को लेकर दिशा-निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने 7 नवम्बर को झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा इकाइयों की समीक्षा बैठक भी सम्पन्न की थी। मायावती ने कहा कि देश में बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी का सबसे अधिक प्रभाव गरीब बहुजन परिवारों पर पड़ रहा है। ऐसे हालात में केन्द्र और राज्य सरकारें जनता की समस्याओं के समाधान की बजाय संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति में उलझी हुई हैं। उन्होंने कहा कि केवल सत्ता में आना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि जनता को रोजी-रोजगार, शिक्षा और सुरक्षा देना ही किसी सरकार का असली कर्तव्य है।
बैठक में मायावती ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि आगामी 6 दिसंबर 2025 को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ता पूरे देश में मिशनरी भावना से कार्यक्रम आयोजित करें। उन्होंने कहा कि यह आयोजन विरोधी दलों की तरह केवल दिखावे का नहीं बल्कि बी.एस.पी. की परम्परा के अनुरूप जन-जागरण का प्रतीक होना चाहिए। मायावती ने यह भी आह्वान किया कि कार्यकर्ता मान्यवर कांशीराम जी के “शोषित से शासक वर्ग” बनने के मिशन को अपने जीवन में उतारें और बाबा साहेब के मानवतावादी आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाएं। उन्होंने हाल ही में झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से आए कार्यकर्ताओं की सराहना की, जिन्होंने 9 अक्टूबर को लखनऊ में आयोजित कांशीराम परिनिर्वाण दिवस में भाग लिया था। बैठक के अंत में मायावती ने दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट की घटना की कड़ी निंदा करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।


