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गोविंद पानसरे हत्याकांड: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी सहित तीन को दी जमानत, दो शूटर अब भी फरार

गोविंद पानसरे हत्याकांड: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी सहित तीन को दी जमानत, दो शूटर अब भी फरार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोविंद पानसरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी वीरेंद्र तावड़े समेत तीन आरोपियों को जमानत दी है। इसके बावजूद आरोपी शरद कलस्कर को जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उसे नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में भी सजा हो चुकी है। पानसरे हत्याकांड में अब तक १२ में से नौ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन दो शूटर अभी भी फरार हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को गोविंद पानसरे की सन २०१५ में हत्या के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों को जमानत दी। इन तीनों में मुख्य आरोपी वीरेंद्र सिंह तावड़े भी शामिल है। हाईकोर्ट की कोल्हापुर बेंच के जस्टिस एसजी दिगे ने तावड़े के अलावा शरद कलस्कर और अमोल काले को भी जमानत दी है।
तावड़े और काले जेल से रिहा होंगे। लेकिन कलस्कर को जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उसे २०१३ में नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया जा चुका है। उसकी सजा के खिलाफ याचिका फिलहाल हाईकोर्ट में लंबित है।

जस्टिस दिगे ने मंगलवार को कहा कि वह इन तीनों आरोपियों को जमानत दे रहे हैं और विस्तृत आदेश बाद में जारी करेंगे। पानसरे परिवार की ओर से पेश हुए वकील की अपील पर कोर्ट ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

१६ फरवरी को मारी थी पानसरे को गोली
गोविंद पानसरे पर १६ फरवरी, २०१५ को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गोली मारी गई थी। कुछ दिन बाद २० अगस्त को उन्होंने अंतिम सांस ली। पानसरे और उनकी पत्नी सुबह की सैर से लौट रहे थे। तभी कोल्हापुर के सम्राट नगर इलाके में दो मोटरसाइकिल सवारों ने उन पर कई गोलियां चला दीं और फरार हो गए।

छह आरोपियों को पहले ही मिल चुकी जमानत
इस साल जनवरी में छह अन्य आरोपियों सचिन अंदुरे, गणेश मिस्किन, अमित देगवेकर, अमित बड्डी, भरत कुराणे और वासुदेव सूर्यवंशी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने उन्हें लंबे समय से जेल में रहने और मुकदमा जल्द खत्म न होने की संभावना के आधार पर राहत दी थी।

एटीएस को सौंपी गई थी मामले की जांच
शुरुआत में यह मामला कोल्हापुर के राजारामपुरी थाने में दर्ज हुआ था। बाद में इसकी जांच महाराष्ट्र पुलिस की अपराध जांच शाखा (सीआईडी) के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी गई।शूटरों का सुराग न लगने से नाराज पानसरे परिवार ने मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीसी) को सौंपने की मांग की थी। तीन अगस्त २०२२ को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जांच एटीएस को ट्रांसफर कर दी कि मामले में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

अब तक १२ आरोपियों की हुई पहचान
अब तक इस मामले में १२ आरोपियों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से नौ गिरफ्तार हो चुके हैं। चार पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं और इन नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। वहीं, दो शूटर अभी भी फरार हैं।

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