इस चुनाव में मायावती ने न तो आक्रामक चुनाव प्रचार ही किया और न ही संगठन के स्तर पर कुछ खास काम हुआ। इसके बावजूद बीएसपी ने नतीजों में खेल कर दिया। बिहार की रामगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में BSP उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव ने BJP और RJD दोनों के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ जीत दर्ज की। उन्हें 72689 वोट मिले और जीत का अंतर 30 वोट का रहा।
बिहार विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बीएसपी ने भी हिस्सा लिया था। पार्टी को खास चुनावी सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने नतीजों को प्रभावित करने के लिहाज से बड़ा प्रभाव जरूर डाला है। बीएसपी ने सीधे तौर पर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया और 57 सीटों पर हार-जीत प्रभावित करने का काम किया है। इस चुनाव में मायावती ने न तो आक्रामक चुनाव प्रचार ही किया और न ही संगठन के स्तर पर कुछ खास काम हुआ। इसके बावजूद बीएसपी ने नतीजों में खेल कर दिया। बिहार की रामगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में BSP उम्मीदवार सतीश कुमार सिंह यादव ने BJP और RJD दोनों के प्रत्याशियों को पीछे छोड़ जीत दर्ज की। उन्हें 72689 वोट मिले और जीत का अंतर 30 वोट का रहा।
बिहार के रुझानों में BSP के लिए खुशखबरी है। यूपी की सत्ता से बाहर चल रही मायावती की पार्टी के वोटर आपको यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी मिल जाएंगे। मायावती की पार्टी ने बिहार में 40 सीटों पर चुनाव लड़ा है।बिहार के नतीजों में BSP के लिए खुशखबरी आपको समझना होगा कि भले मायावती की पार्टी यूपी में पिछले 13 साल से सत्ता से बाहर लेकिन उनकी पार्टी के वोटर आपको यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी मिल जाएंगे। बिहार में रामगढ़ सीट पर बीएसपी की जीत मायावती और उनके समर्थकों का उत्साह बढ़ाने वाली है। 2020 के बिहार विधानसभा सीट में यहां से सुधाकर सिंह ने ही लालटेन चुनाव निशान पर जीत दर्ज की थी। तब उन्होंने बीएसपी की अंबिका सिंह को कांटे की टक्कर में हराया था। इस बार बहुजन समाज पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 1.59% वोट मिले हैं। इसी आंकड़े ने तेजस्वी यादव को खासी चोट पहुंचाई है। पूरे प्रदेश में मायावती और उनके भतीजे आकाश ने एक भी रैली नहीं की थी। इसके बावजूद भी उनकी पार्टी 1.57 फीसदी मत हासिल किया।BSP ने बिना रैली और बिना खर्च के 1.59% वोट हासिल कर 57 सीटों पर आरजेडी के वोट काटे जिसका असर चुनावी हार-जीत पर पड़ा है।
BSP ने 5 से 7 सीटों पर RJD के वोट बैंक में सेंध लगाई
BSP ने 5 से 7 सीटों पर RJD के वोट बैंक में सेंध लगाई जिससे महागठबंधन को सीधे तौर पर नुकसान हुआ है।RJD को इस चुनाव में 22.84% वोट मिले, लेकिन सीधे तौर पर 57 सीटों पर उम्मीदवारों ने महागठबंधन के वोट बैंक के समीकरण में सेंध लगाई है। वोटों की यह कटिंग महागठबंधन को हार की ओर धकेलने में अहम रही। इसे इससे भी समझ सकते हैं कि बीएसपी ने खास तौर पर उन इलाकों को टारगेट किया, जहां आरजेडी का परंपरागत रूप से मजबूत वोट बैंक था। Bihar Election Results: महागठबंधन को मिली करारी हार बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें, तो महागठबंधन को करारी हार मिली है। रात आठ बजे तक के आंकड़ों में सिर्फ 33 सीटों पर ही महागठबंधन आगे थी। हालांकि, कुछ सीट पर मुकाबला बेहद कड़ा है और ऐसे में आंकड़ों में थोड़ा-बहुत बदलाव हो सकता है। आरजेडी ही नहीं कांग्रेस और वामपंथी दलों का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा। इसके अलावा, वीआईपी तो एक भी सीट नहीं जीत पाई। वीआईपी चीफ मुकेश सहनी को महागठबंधन ने डिप्टी सीए का उम्मीदवार बनाया था।आरजेडी की हालत पूरे राज्य में पतली रही। पिछली बार वह सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन इस बार बीजेपी और जेडीयू ने उसे तीसरे नंबर पर धकेल दिया। चौथे नंबर एलजेपी (आर) ने अपनी जगह कायम कर ली। इस चुनाव में विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और वामपंथी दलों को भी बहुत बड़ा झटका लगा है और उनका सरकार बनाने का मंसूबा तो दूर, पिछली बार वाला आंकड़ा दोहराना भी मुश्किल हो गया।


