सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की एनएसए गिरफ्तारी पर केंद्र, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल को नोटिस जारी किया. वांगचुक की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उनकी रिहाई की मांग की गई है. अगले मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.
लद्दाख: पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस याचिका में वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एएसए) की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने सुनवाई की. इस दौरान सोनम वांगचुक की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने ऐसी दलील दी, जिससे सुनने के बाद अदालत ने केंद्र सरकार, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.
- SC ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की NSA के तहत हिरासत पर केंद्र और लद्दाख प्रशासन से जवाब मांगा है
- सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है
- अदालत ने हिरासत के कारणों की जानकारी देने से इंकार कर दी और मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है

हिरासत आदेश क्यों नहीं दिया गया ?
दरअसल सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दायर की थी. ऐसे मामलों में तुरंत राहत कभी नहीं मिलती. सरकार का जवाब आने के बाद ही किसी आदेश की संभावना होती है.मगर कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जब तक सोनम वांगचुक के डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी उनके परिवार को नहीं मिलेगी, तब तक याचिका में गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस चुनौती नहीं दी जा सकती. इस पर जस्टिस अरविंद कुमार ने केंद्र से पूछा कि सोनम वांगचुक की पत्नी को हिरासत आदेश क्यों नहीं दिया गया.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि आदेश देने से परिवार नया आधार बनाकर गिरफ्तारी को चुनौती दे सकता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि पत्नी को आदेश देने पर इसे नए आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वांगचुक के वकील सिब्बल से यह भी पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए और अगली तारीख पर इसका जवाब भी माँगा.
क्या है पूरा मामला?
इसके बाद कोर्ट ने केंद्र, लद्दाख प्रशासन और जोधपुर जेल को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार के लिए तय कर दी.
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को २६ सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था. लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में प्रदर्शन हिंसक हो गए थे, जिसमें ४ लोगों की मौत हो गई थी. उन्हें लद्दाख से निकालकर जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया है.
गीतांजलि ने कपिल सिब्बल का अदा किया शुक्रिया
सर्वोच्च न्यायलय में सोनम वांगचुक का पक्ष दृढ़ता से रखने के लिए सोनम की पत्नी गीतांजलि ने कपित सिब्बल और उनकी पूरी टीम का आभार व्यक्त किया. अब अगले मंगलवार इस केस पर सुनवाई होगी.