Awaaz India Tv

नीतीश कुमार ने फिर खेला ‘सोशल इंजीनियरिंग’ कार्ड’ ! समझें पूरा गणित

नीतीश कुमार ने फिर खेला ‘सोशल इंजीनियरिंग’ कार्ड’ ! समझें पूरा गणित

बिहार चुनाव को लेकर जेडीयू ने अपनी १०१ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें हर समाज और वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है. पार्टी ने पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सवर्ण और महिलाओं सभी को टिकट देकर समावेशी राजनीति का संदेश दिया है

पटना. बिहार की राजनीति में अगर किसी नेता को सोशल इंजीनियरिंग का मास्टर कहा जाता है, तो वह हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार ने अपने पूरे राजनीतिक करियर में समाज के हर वर्ग को जोड़ने और संतुलन साधने की रणनीति पर काम किया है. यही कारण है कि चाहे सरकार बनानी हो, मंत्रिमंडल का गठन करना हो या चुनाव में उम्मीदवारों का चयन- हर बार उन्होंने सामाजिक, जाति और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए फैसला लिया है.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद समाजवादी राजनीति में कदम रखने वाले नीतीश कुमार ने हमेशा विकास के साथ सामाजिक न्याय की बात की है. नीतीश कुमार ने सत्ता में रहते हुए योजनाओं, नीतियों और टिकट बंटवारे में सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी है. इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव २०२५ के लिए जेडीयू की उम्मीदवार सूची इस परंपरा को आगे बढ़ाती दिख रही है.

सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश
बिहार चुनाव को लेकर जेडीयू ने अपनी १०१ उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसमें हर समाज और वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया गया है. पार्टी ने पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सवर्ण और महिलाओं सभी को टिकट देकर समावेशी राजनीति का संदेश दिया है.

पिछड़ा वर्ग (OBC) से 37 उम्मीदवार
अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से 22 उम्मीदवार
सवर्ण समाज से 22 उम्मीदवार
अनुसूचित जाति (SC) से 15 उम्मीदवार
अनुसूचित जनजाति (ST) से 2 उम्मीदवार शामिल हैं.
इसके साथ ही पार्टी ने 13 महिलाओं को भी टिकट देकर महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश दिया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *