Awaaz India Tv

कॉलेज तेरे बाप की धर्मशाला नहीं, जेल भेज देंगे… मौत से पहले उज्जवल राणा को क्या-क्या कहा? बहन ने सबकुछ बताया

कॉलेज तेरे बाप की धर्मशाला नहीं, जेल भेज देंगे… मौत से पहले उज्जवल राणा को क्या-क्या कहा? बहन ने सबकुछ बताया

उज्जवल राणा की बहन सलोनी ने बताया कि उसके भाई को पहले अपमान भरे शब्द कहे गए और इसके बाद पुलिस से भी पिटाई कराई गई।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में, बुढ़ाना कस्बे में डीएवी डिग्री कॉलेज में घटी एक दर्दनाक घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया है। केवल 7000 रुपये की फीस के विवाद ने एक होनहार छात्र उज्ज्वल राणा की जिंदगी छीन ली। परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन, पीटीआई और मौके पर पहुंची पुलिस की बेरहमी ने उज्ज्वल को इतना अपमानित कर दिया कि उसने कॉलेज परिसर में ही खुद को आग के हवाले कर दिया।

मृतक उज्ज्वल की बहन सलोनी राणा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि उसके भाई ने कॉलेज प्रिंसिपल प्रदीप कुमार से फीस जमा करने के लिए केवल थोड़ी मोहलत मांगी थी। लेकिन, प्रिंसिपल ने अपमानजनक लहजे में कहा, ‘कॉलेज तेरे बाप की धर्मशाला नहीं है।’ उन्होंने उज्ज्वल को दफ्तर से धक्का देकर बाहर निकाल दिया। इतना ही नहीं, प्रिंसिपल ने पीटीआई संजीव कुमार को इशारा कर उसकी पिटाई कराई। उज्ज्वल दर्द से चीखता-चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब प्रिंसिपल ने पुलिस बुला ली।

सलोनी ने ये भी आरोप लगाया कि मौके पर पहुंचे एसआई नंद किशोर, सिपाही ज्ञानवीर और विनीत ने भी उज्ज्वल की पिटाई की और धमकाते हुए कहा, ‘कॉलेज को धर्मशाला समझ रखा है क्या? जेल भेज देंगे।’ यह सब सुनकर उज्ज्वल का मन पूरी तरह टूट गया। आहत और अपमानित होकर उसने वहीं आत्महत्या करने की चेतावनी दी।

घटना से पूर्व उज्वल ने सुनाई आपबीती

नीचे लिंक में दिए वीडियो में उज्जवल ने प्रिंसिपल और व्ययस्थापन के बारे में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि फीस की वजह से उसे परीक्षा देने से रोका गया। ..


‘जो बचाने आएगा, उसे रेस्टीकेट कर देंगे’
सलोनी के मुताबिक, जब उज्ज्वल ने कहा कि वह अपनी जान ले लेगा, तो प्रिंसिपल और पीटीआई ने उकसाने वाली बातें कहीं। इन लोगों ने जवाब में कहा, ‘कल करता हो तो आज आत्महत्या कर ले।’ कुछ देर बाद उज्ज्वल ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। प्रिंसिपल और पीटीआई ने इसके बाद तो जैसे अमानवीयता की हदें पार कर दीं और चिल्लाकर कहा, ‘जो बचाने आएगा, उसे रेस्टीकेट कर देंगे।’ हालांकि, इसके बावजूद कुछ छात्रों ने उसे बचाने की कोशिश की, जिससे उनके हाथ और बैग जल गए।

समाज के लोग आगे आए, तब दर्ज हुआ केस
इस दर्दनाक घटना के बाद जाट महासभा और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया। महासभा के पदाधिकारियों ने डीएवी कॉलेज के सामने धरना-प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी कोतवाली में धरने पर बैठ गए। दोपहर तक कई विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि कोतवाली पहुंचे। उज्ज्वल की मौत के बाद उसकी बहन सलोनी की ओर से दोबारा तहरीर दी गई, जिसपर कॉलेज प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग, प्रिंसिपल प्रदीप कुमार, पीटीआई संजीव कुमार, दरोगा नंद किशोर, सिपाही ज्ञानवीर और विनीत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर भी कर दिया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रिंसिपल प्रदीप कुमार करीब 19 वर्षों से कॉलेज से जुड़े हैं और कभी समाजशास्त्र के शिक्षक थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह पूर्व विधायक संगीत सोम के करीबी माने जाते हैं और उन्हीं की मदद से उन्हें प्रिंसिपल का पद मिला था। यही कारण है कि ये अपनी दबंगई दिखाते रहते है और पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *