अंतरराष्ट्रीय श्रद्धास्थल दीक्षाभूमि के विकास के लिए परमपूज्य डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक समिति ने तीसरे क्रमांक के प्रारूप को मंजूर किया है. समिति ने ६ नवम्बर को नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण को पत्र भेज कर इस निर्णय की जानकारी दी है.
अंडरग्राउंड पार्किंग के निर्माण को लेकर हुए विरोध के चलते परियोजना सलाहकार में डिज़ाइन एसोसिएट्स इनकॉर्पोरेशन ने भूमिगत कार्यों को हटाते हुए अन्य चार प्रकार के प्रारूप तैयार किए थे। यह प्रारूप 8 सितंबर 2025 को स्मारक समिति को प्रस्तुत किये गए। जिसमें से समिति ने तीसरे प्रारूप को स्वीकार किया । इसमें थाईलैंड की 26 फुट ऊँची बुद्धप्रतिमा को पश्चिम प्रवेश द्वार परिसर में स्थापन करने का प्रस्ताव है. साथ ही पूर्व , दक्षिण और व्यास पीठ प्रवेशद्वार, सार्वजनिक सुविधाएं ,अशोक स्तंभ स्तूप का तोरणद्वार , वॉच टावर और सोलर लाइटिंग व्यवस्था संरचनाएं शामिल हैं. इसके बाद नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण विकास परियोजना रिपोर्ट तैयार कर सामाजिक न्याय विभाग को आगे की कारवाई के लिए प्रस्तुत करेगा.

दीक्षाभूमि परियोजना को तीन चरणों में लागु किया जायेगा.
राज्य सरकार ने पहले चरण के लिए 200 करोड़ रूपये मंज़ूर किये थे जिनमें से 110 करोड़ 67 लाख 83,223 रुपये दिए जा चुके हैं। अब तक 27,05,84,599 रुपये खर्च हुए हैं जबकि 83, 61,98,628 रुपये शेष हैं। भूमिगत पार्किंग कार्य पर 24. 67 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं.
हाइ कोर्ट में 14 को होगी सुनवाई
दीक्षाभूमि के सर्वांगीण विकास लिए एड शैलेश नारनवरे ने २०१८ में मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की थी इस पर आगामी 14 नवंबर को अगली सुनवाई होगी इस दौरान एडवोकेट नारनवरे इन ताज़ा विकास घटनाओं की जानकारी न्यायालय को देंगे। न्यायालय के आदेशानुसार ४ नवंबर को आयोजित बैठक में नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण ने एड।नारनवरे को दीक्षाभूमि विकास प्रारूप की पूरी जानकारी मुहैया कराई है.


