आज़ाद भारत का यह शायद पहला मामला है जहाँ शिक्षा के लिए एक छात्र ने कॉलेज में खुद को पेट्रोल डालकर जिंदा जला लिया। यह सिर्फ़ एक दर्दनाक घटना नहीं बल्की यह हमारे समाज, हमारी सरकारों और हमारे शिक्षा तंत्र पर सबसे बड़ा कलंक है।डी.ए.वी. डिग्री कॉलेज, बुढ़ाना के छात्र के असमय निधन की दुखद सूचना ने सभी को गहरे शोक में डुबो दिया है।कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए आत्महत्या का प्रयास करने वाले इस छात्र ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।
मुज़फ्फरनगर: आज़ाद भारत का यह शायद पहला मामला है जहाँ शिक्षा के लिए एक छात्र ने कॉलेज में खुद को पेट्रोल डालकर जिंदा जला लिया। यह सिर्फ़ एक दर्दनाक घटना नहीं बल्की यह हमारे समाज, हमारी सरकारों और हमारे शिक्षा तंत्र पर सबसे बड़ा कलंक है।डी.ए.वी. डिग्री कॉलेज, बुढ़ाना के छात्र के असमय निधन की दुखद सूचना ने सभी को गहरे शोक में डुबो दिया है।कॉलेज प्रशासन पर प्रताड़ना के आरोप लगाते हुए आत्महत्या का प्रयास करने वाले इस छात्र ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुज़फ्फरनगर के D.A.V. कॉलेज के बी.ए. तृतीय सेमेस्टर का छात्र उज्ज्वल राणा 7,000 रूपए की बकाया फीस के लिए मोहलत मांग रहा था, लेकिन प्राचार्य ने पूरे कॉलेज के सामने उसे बेइज़्ज़त किया और पीटा। अपमान और अन्याय से आहत होकर उज्ज्वल ने कॉलेज के भीतर ही खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।
भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आज़ाद ने सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो शेयर करते हुए जानकारी दी है कि उज्ज्वल के वीडियो में उसने कहा है कि “अगर मुझे कुछ हुआ, तो प्राचार्य और पुलिस जिम्मेदार होंगे।” बावजूद इसके सरकार और प्रशासन मौन हैं। छात्रों का भी आरोप है कि कॉलेज स्टाफ और पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न के कारण ही उज्ज्वल ने यह भयानक कदम उठाया।
यह घटना शिक्षा संस्थानों में छात्रों पर पड़ने वाले आर्थिक और मानसिक दबाव के मुद्दे को एक बार फिर उजागर करती है। यह घटना एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी की चीख है जहाँ शिक्षा एक बाज़ार, छात्र ग्राहक,और ज्ञान मुनाफ़े का ज़रिया बन चुका है। भारत का संविधान हर नागरिक को मुफ़्त और समान शिक्षा का अधिकार देता है, लेकिन आज शिक्षा संस्थान व्यापार के अड्डे बन चुके हैं। जहाँ गरीब, पिछड़े, दलित और वंचित बच्चों का सपना हर दिन कुचला जा रहा है। केवल सात हज़ार की फीस के लिए एक छात्र ने अपनी जान दांव पर लगा दी !
परम पूज्य बाबा साहब ने कहा था “शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वह दहाड़ेगा।” लेकिन आज उसी शिक्षा को बाजारू बना दिया गया है। जहाँ न्याय मांगने पर भी छात्रों को धमकाया, गालियाँ दी जाती हैं और पीटा जाता है।
भीम आर्मी की तरफ से उ.प. सरकार से निम्नलिखित मांगे की गयी है –
- D.A.V. कॉलेज के प्राचार्य को तुरंत निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए।
- छात्र उज्ज्वल राणा को सर्वोत्तम चिकित्सा व सुरक्षा दी जाए।
- कॉलेज प्रशासन और संबंधित पुलिसकर्मियों की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो।
- शिक्षा संस्थानों में फीस और शोषण के मामलों पर राज्यस्तरीय निगरानी तंत्र बनाया जाए।
चंद्र शेखर आज़ाद ने कहा कि यह मामला सिर्फ उज्ज्वल का नहीं बल्कि उन लाखों छात्रों का है जो हर दिन शिक्षा के बाजारीकरण की आग में जल रहे हैं।
DAV कॉलेज के बाहर लोगों ने दिया धरना
इस घटना का विरोध प्रदर्शन करने के लिए कॉलेज गेट पर उज्जवल का शव कर मांग की गयी। इस समय राकेश टिकैत, कई खापों के मुखिया धरने में शामिल हुए। . उज्जवल राणा को इंसाफ के लिए लोग जुट रहे हालाँकि खबर के लिखे जाने तक आरोपी प्राचार्य प्रदीप सोम की नहीं हुई गिरफ्तारी थी. मगर जल्द ही दोषियों को हिरासत में लिया जायेगा जैसा पुलिस की तरफ से कहा गया है.


