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ST आरक्षण में किसी भी बदलाव के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों आदिवासी, राज्य में विविध शहरों में हो रहा विरोध प्रदर्शन ……

ST आरक्षण में किसी भी बदलाव के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों आदिवासी, राज्य में विविध शहरों में हो रहा विरोध प्रदर्शन ……

” ST आरक्षण में किसी भी बदलाव के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों आदिवासी, नांदेड़, पालघर, येवला की सड़कों पर उतरे हज़ारों आदिवासी, सरकार को सीधी चेतावनी “हमारा हक किसी और को नहीं,

पालघर: अपने आरक्षण अधिकारों की रक्षा करने की मांग को लेकर आज महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में हज़ारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए। समुदाय ने ज़िलाधिकारी कार्यालय पर एक विशाल प्रदर्शन मार्च निकालकर अपनी एकता और ताकत का प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन राज्य भर में बंजारा समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में शामिल होने की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के जवाब में आयोजित किया गया था।

इस विशाल मोर्चे का नेतृत्व ‘आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति’ ने किया और इसका आयोजन ‘उलगुलान महामोर्चा’ द्वारा किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान अपने अधिकारों की सुरक्षा की ओर आकर्षित करना था। गौरतलब है कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र में बंजारा और धनगर दोनों समुदायों की ओर से अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल होने की मांग तेज़ हो गई है। वहीं, इन मांगों के विरोध में पूरे महाराष्ट्र में आदिवासी समूह भी लामबंद हो गए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि आरक्षण का यह विशेषाधिकार केवल उनके अपने आदिवासी वर्ग के भीतर ही रहना चाहिए।

पालघर एक प्रमुख आदिवासी बहुल ज़िला है, जिसके कारण आज के मार्च में भारी भीड़ देखने को मिली। आदिवासी आरक्षण बचाव कृति समिति के अध्यक्ष विलास तारे ने इस बात की पुष्टि की कि इस प्रदर्शन में हज़ारों की संख्या में आदिवासी भाई-बहनों ने हिस्सा लिया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सांसद डॉ. हेमंत सवरा, विधायक विनोद निकोले, हरिश्चंद्र भोये, राजेंद्र गावित, और डॉ. विश्वास वाल्वी जैसे प्रमुख नेताओं के साथ-साथ कई पूर्व प्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुखों ने भी किया।

७ अक्टूबर को नांदेड़ में हुआ विरोध प्रदर्शन
नांदेड़ सकल आदिवासी समाज की और से एसटी आरक्षण में अन्य किसी को समाविष्ट करने का विरोध करने हेतु विशाल ‘उलगुलान महामोर्चा’का आयोजन किया गया था , जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान अपने अधिकारों की सुरक्षा की ओर आकर्षित करना था।इस आंदोलन में महिला, युवक और बड़ी संख्या में लोक कलाकारों ने हिस्सा लिया था.

येवला में भी विरोध प्रदर्शन के लिए आदिवासी उतरे रास्तों पर
इस से पूर्व सितम्बर महीने के अंत में सकल आदिवासी समाज की और से एसटी आरक्षण में बंजारा,धनगढ़ ,कैकाडी समाज को समाविष्ट करने की मांग का विरोध करने के लिए शिवाजीराव ढवले के नेतृत्व में विशाल मोर्चा का आयोजन किया गया था. साथ ही हैदराबाद गैज़ेट का गलत अर्थ निकालकर आदिवासियों का हक़ मरने की कोशिश न की जाये यह मांग भी की गयी थी.

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