नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन पर असमंजस है. Gen Z मूवमेंट ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम आगे किया है. अब सबकी निगाहें अंतरिम प्रधानमंत्री की नियुक्ति पर लगा है.
नेपाल : राजधानी काठमांडू गुरुवार को पूरी तरह सेना के पहरे में नजर आई. सड़कों पर हथियारबंद सैनिक गश्त करते नज़र आये। लोगों को घरों के अंदर रहने की हिदायत दी गयी थी। सरकार ने हालात ‘सामान्य’ करने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया है. कर्फ्यू शुक्रवार सुबह तक लागू रहेगा. बीते दिनों हुए हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में आग लगा दी थी और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद देश में सत्ता का संकट और गहराता चला गया. नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने गुरुवार को देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा,संवैधानिक ढांचे के भीतर रहकर मौजूदा कठिन हालात से निकलने का हर प्रयास किया जा रहा है. लोकतंत्र और शांति व्यवस्था की रक्षा हमारी प्राथमिकता है.

कुलमन घिसिंग या सुशीला कार्की के नेतृत्व में बनेगी अंतरिम सरकार?
जेन-जी आंदोलन के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कहा कि उनका आंदोलन भ्रष्टाचार और भाईभतीजावाद के खिलाफ है. युवा नेता दिवाकर डंगाल ने कहा, ‘देश में भ्रष्टाचार बेकाबू है, यही हमारी लड़ाई की वजह है.’ आंदोलनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए सुझाया है. जेन-जी नेता जुनाल गाडल ने कहा, ‘देश को ट्रांजिशन के दौर में एक संरक्षक चाहिए और सुशीला कार्की से बेहतर कोई नहीं.’
कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं और उनकी छवि ईमानदार तथा भ्रष्टाचार-विरोधी के तौर पर रही है. इस बीच, नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पूर्व सीईओ कुलमन घिसिंग का नाम भी उछला है. ज्ञात हो कि 8 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों में अब तक 31 लोगों की मौत और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. युवाओं का कहना है कि आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने घुसपैठ कर हिंसा भड़काई. सोशल मीडिया पर बैन लगाने से लोगों का गुस्सा और भड़क गया.
काठमांडू एयरपोर्ट खुला,महाराष्ट्र के यात्रियों ने सुनाई दहशत भरी दास्तां
नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बाद मंगलवार को बंद हुआ त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 10 सितंबर से फिर शुरू हो गया है. फ्लाइट्स शुरू होने के बाद यात्री बड़ी संख्या में एयरपोर्ट पहुंचे. महाराष्ट्र के कोपरगांव से आए काली प्रसाद ने बताया, कि वह 8 सितंबर को पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन के लिए गए थे. जडीबुटी चौक उनकी गाड़ी रोककर आग के हवाले कर दी गई. उन्हें बाहर खींच लिया गया तब वह के कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें
बचाया. एयरपोर्ट पर पहुंचकर उन्होंने रहत की सांस ली मगर ३ दिन जिन मुश्किलों का सामना उन्हें करना पड़ा वह डरे हुए थे.