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राहुल गांधी ने CIC लिस्ट पर जताई असहमति ,कहा नियुक्तियों की सूची में SC,ST,OBC,अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी 7% से कम !

राहुल गांधी ने  CIC लिस्ट पर जताई असहमति ,कहा नियुक्तियों की सूची में SC,ST,OBC,अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी 7% से कम !

प्रधानमंत्री कार्यालय में 88 मिनट तक राहुल गांधी के साथ PM मोदी और अमित शाह की बैठक हुई। संसद में वंदे मातरम और चुनाव सुधार पर चल रही चर्चा के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता के साथ हुई यह बैठक चर्चा के केंद्र में बना है. लोग कयास लगा रहे हैं कि आखिर पीएम मोदी और अमित शाह की राहुल गांधी के साथ हुई इस बैठक में क्या हुआ?

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय में 88 मिनट तक राहुल गांधी के साथ PM मोदी और अमित शाह की बैठक हुई। संसद में वंदे मातरम और चुनाव सुधार पर चल रही चर्चा के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता के साथ हुई यह बैठक चर्चा के केंद्र में बना है. लोग कयास लगा रहे हैं कि आखिर पीएम मोदी और अमित शाह की राहुल गांधी के साथ हुई इस बैठक में क्या हुआ?

सूचना आयोग में अभी 8 पद खाली
मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक देश के नए मुख्य सूचना आयुक्त के चयन को लेकर हुई. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में मुख्य सूचना आयुक्त सहित अभी 8 पद खाली है. कुछ महीनों पहले तक हीरालाल सामरिया भारत के मुख्य सूचना आयुक्त थे, लेकिन 13 सितंबर, 2025 को सामरिया के रिटायर होने के बाद से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है.

सूचना आयुक्त के साथ-साथ सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति पर भी चर्चा
दरअसल बुधवार को PMO में हुई इस बैठक की लंबी टाइमिंग को लेकर चर्चाओं का दौर चल रहा है. क्योंकि जानकारी केवल मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की थी. 88 मिनट के बाद जब राहुल गांधी पीएमओ से निकलते हैं तो पता चलता है कि इस बैठक में एक मुख्य सूचना आयुक्त, 8 सूचना आयुक्त, और एक सतर्कता आयुक्त की नियुक्तियों पर चर्चा हुई.

राहुल गांधी ने अपनी लिखित आपत्ति दर्ज कराई है
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने इन सभी नियुक्तियों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. कांग्रेस नेता ने लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. इससे पहले जब भी इन नियुक्तियों को लेकर बैठक हुई है तो विपक्ष का नेता होने के नाते चाहे खरगे हो या राहुल, उन्होंने अपनी आपत्तियां दी हैं. इस बार भी ऐसा ही हुआ है.

आंकड़े देख भड़के राहुल

खबर है कि राहुल गांधी ने सरकार से कई हफ्ते पहले ही आवेदकों की जातिगत संरचना (Caste Composition) का ब्योरा मांगा था। बुधवार को जब यह जानकारी साझा की गई, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सूत्रों का कहना है कि कुल आवेदकों में से केवल 7% लोग ही पिछड़े समुदायों से थे, और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों में से मात्र एक ही व्यक्ति इन वर्गों से था। इसी बात को लेकर राहुल ने बैठक में तीखे सवाल उठाए।

पहले भी हो चुका है विवाद

विपक्ष और सरकार के बीच सीआईसी की नियुक्ति को लेकर तकरार कोई नई बात नहीं है। 2023 में हीरालाल सामरिया की नियुक्ति के समय भी तत्कालीन विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि सरकार ने न तो उनसे सलाह ली और न ही उन्हें सूचित किया।

वहीं, 2020 में भी अधीर रंजन चौधरी ने पूर्व IFS अधिकारी यशवर्धन कुमार सिन्हा को मुख्य सूचना आयुक्त और पत्रकार उदय माहुरकर को सूचना आयुक्त बनाए जाने का विरोध किया था। हालांकि, उनके विरोध और असहमति नोट के बावजूद सरकार ने ये नियुक्तियां कर दी थीं। बुधवार को PMO में राहुल गांधी, PM मोदी और अमित शाह के बीच करीब 88 मिनट तक बैठक हुई.बैठक में मुख्य सूचना आयुक्त, 8 सूचना आयुक्त और एक सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति पर विस्तार से चर्चा की गई.राहुल गांधी ने सभी नियुक्तियों पर लिखित रूप में आपत्ति दर्ज कराई, जो विपक्ष के नेता के अधिकारों के अनुरूप है.

सूचना आयोग में अभी 8 पद खाली
मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक देश के नए मुख्य सूचना आयुक्त के चयन को लेकर हुई. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) में मुख्य सूचना आयुक्त सहित अभी 8 पद खाली है. कुछ महीनों पहले तक हीरालाल सामरिया भारत के मुख्य सूचना आयुक्त थे, लेकिन 13 सितंबर, 2025 को सामरिया के रिटायर होने के बाद से मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली है.

केंद्रीय सूचना आयोग से जुड़ी अहम जानकारियां
सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 12 (3) के तहत, प्रधानमंत्री समिति के अध्यक्ष होते हैं, जिसमें विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल होते हैं, जो मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नामों का चयन और सिफारिश करती है.आरटीआई कानून के अनुसार, सीआईसी में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्त होते हैं, जो आरटीआई आवेदकों द्वारा उनके आवेदनों पर सरकारी अधिकारियों के असंतोषजनक आदेशों पर दायर शिकायतों और अपीलों पर निर्णय करते हैं.सीआईसी की वेबसाइट के अनुसार, उसके पास 30,838 मामले लंबित हैं. उसके पास केवल दो सूचना आयुक्त आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी बचे हैं और आठ पद खाली हैं. हीरालाल समरिया अंतिम मुख्य सूचना आयुक्त थे, जिन्होंने 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 13 सितंबर को अपना पद छोड़ दिया था. उन्हें 6 नवंबर 2023 को मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था.

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