गोवा के एक नाइट क्लब में 6 दिसंबर को लगी भीषण आग में 25 लोगों की जान चली गई। नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा को थाईलैंड में हिरासत में ले लिया गया है। वहीं, लूथरा ब्रदर्स के पासपोर्ट को रद कर दिया गया था, जिसके बाद उन्हें फुकेट में डिटेन किया गया। भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण संधि के चलते, उन्हें भारत वापस लाने की तैयारी है।
नई दिल्ली। गोवा के एक एक नाइट क्लब में 6 दिसंबर की रात को भीषण आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 25 लोगों की जान चली गई। हादसे के बाद नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा भारत छोड़कर थाईलैंड भाग गए। हालांकि, गुरुवार को लूथरा ब्रदर्स को डिटेन कर लिया गया है और अब वापस भारत लाने की तैयारी चल रही है।
दरअसल, इस मामले की जांच कर रही गोवा पुलिस ने एक्शन लेते हुए गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा का पासपोर्ट सस्पेंड कर दिया। जिसके बाद वह थाईलैंड से बाहर नहीं जा सकते थे
पासपोर्ट निलंबित कर कसा लूथरा ब्रदर्स पर शिकंजा?
उल्लेखनीय है कि सौरभ और गौरव लूथरा के पासपोर्ट का रास्ता अपनाकर दोनों आरोपी भाइयों को घेरा गया । पासपोर्ट अधिनियम की धारा 10ए का इस्तेमाल करते हुए दोनों बंधुओं के पासपोर्ट निलंबित कर दिए। धारा 10ए अधिकारियों को किसी व्यक्ति को यात्रा करने से रोकने का अधिकार देती है। उसी समय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दोनों बंधुओं के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया, जिससे वे और भी घिर गए।

लूथरा ब्रदर्स का निर्वासन या प्रत्यर्पण?
उल्लेखनीय है कि भारत और थाइलैंड में साल 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि पर साइन किया था। इसके तहत ही लूथरा ब्रदर्स को भारत वापस भेजना होगा। यदि उनपर लगे आरोपों में कम से कम एक साल से अधिक सजा का प्रावधान है।
चूंकि लूथरा ब्रदर्स पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप है, जिसके लिए भारत में कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है। यह आरोप साल 2013 की संधि के मुख्य मानदंडो को पूरा कर रहा है। ऐसे में थाईलैंड लूथरा ब्रदर्स को भारत भेजने के लिए बाध्य है।
कानून की बारियों को समझना होगा
बताते चलें कि किसी भी व्यक्ति को देश से निकालना और प्रत्यर्पण करना एक ही जैसे लगता है, लेकिन दोनों में काफी फर्क है। दोनों ही मामलों में एक देश किसी विदेशी को देश से बाहर निकालता है; हालांकि, दोनों की प्रक्रिया काफी अलग है।

किसी विदेशी को निर्वासित करने की प्रक्रिया में कोई भी मेजबान देश अपने क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे किसी विदेशी को बाहर निकालता है। वहीं, लूथरा ब्रदर्स के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। यहां पर भारतीय अधिकारियों को ये साबित करना होगा कि उसके नागरिकों ने ऐसे कृत्य किए हैं, जो दोनों देशों के बीच अपराध की श्रेणी में आते हैं। यहां कानून बारीकियों में अंतर है।
चूंकि लूथरा ब्रदर्स ने थाई कानूनों का उल्लंघन किया है, ऐसे में संभव है कि थाईलैंड की सरकार उन्हें देश से निर्वासित करे। हालांकि, लूथरा ब्रदर्स ने खुद कोई नियम नहीं तोड़े, बल्कि उनके पासपोर्ट निलंबित हो गए, जो थाईलैंड के आव्रजन कानूनों के तहत अपराध है। ऐसे में उन्हें अवैध विदेशी के तौर पर निष्कासित किया जा सकता है।
नाइट क्लब की आग ने ली थी 25 की जान
गौरतलब है कि गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 6 दिसंबर की रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 20 स्टाफ थे और 5 पर्यटक थे। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जिस दौरान आग लगी थी और दमकल के कर्माचारी आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे थे, ठीक उसी समय लूरा ब्रदर्स ने मेक माई ट्रिप पर टिकट बुक की और वह थाईलैंड के फुकेट के लिए इंडिगो की फ्लाइट से उड़ गए।
हैरान करने वाली बात है कि क्लब का प्रवेश द्वार इतना संकरा था कि अग्निशमन वाहन मुख्य इमारत तक नहीं पहुंचे सके। रिपोर्ट्स के अनुसार, 400 मीटर दूर वाहन पार्क करने पड़े। इस कारण राहत और बचाव कार्य को पूरा करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।


