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संविधान बदलने की भाषा करनेवाले पाखंडी महामंडलेश्वर यतींद्रनाथ गिरी का देशभर में विरोध

संविधान बदलने की भाषा करनेवाले पाखंडी महामंडलेश्वर यतींद्रनाथ गिरी का देशभर में विरोध

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा लिखित संविधान भारत के हर नागरिक को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार देता है। संविधान में जाति, धर्म, लिंग या भाषा के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता लेकिन देश में मनुस्मृति का राज स्थापित करने को आतुर कुछ मनुवादी लोग भारत का समतामूलक संविधान बदल कर इंसान और इंसान में भेद करने वाली मनुस्मृति को लागू करने के लिए अपनी गंदी जुबान खर्च करते है.

जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रनाथ गिरी की संविधान बदलने के सन्दर्भ में दिया गया बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.अरेस्ट यतींद्रनाथ गिरी का ट्रेंड ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना हुआ है.पाखंडी यतेंद्र गिरी ने देश के संविधान के बारे में अपनी घटिया सोच को ज़ाहिर किया है और बहुजन-अल्पसंख्यक समाज के प्रति ज़हर उगला है। यतींद्रनाथ ने कहा ‘नई संसद के साथ नया संविधान बनाया जाए। यह सनातन हिंदू संस्कृति पर आधारित हो, जिसमें एक देश एक नागरिकता की बात हो। धर्म, जाति और मौलिक अधिकारों को लेकर भेद न हो क्योंकि मौजूदा संविधान इन आधारों पर भेद करता है। समानता की बात तो की जाती है मगर ऐसा है नहीं। नए संविधान में आरक्षण पर पुनर्विचार हो। मदरसे पूरी तरह से समाप्त हो। आतंक और धर्मांतरण के लिए वहाबी मदरसों और मौलानाओं को फ़ंडिंग कर रहे हैं।‘ साथी ही इस भोंदू बाबा ने देश में एलोपैथी दवाइयों को बंद करने की भी वकालत की है.

देश के संविधान को नकारने वाले यतींद्रनाथ को गिरफ्तार करने की मांग तेज़ हो गई है। सोशल मीडिया पर #ArrestYatindraNathGiri टॉप ट्रेंड में छाया हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए यतींद्र नाथ गिरी को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार करने की मांग की है। दिलीप मंडल ने ट्वीट में लिखा, “ये निठल्ला-मुफ्तखोर बाबा साहेब का संविधान बदलेगा और आरक्षण खत्म करेगा। इसे पकड़कर देशद्रोह में अंदर करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की शपथ ली है, अगर सच्ची शपथ ली है तो यतींद्र नाथ गिरी को अरेस्ट किया जाए”। देश के कई लोग खुलकर अब इस मनुवादी के खिलाफ लिख रहें है. इससे पहले बीजेपी के तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े ने कहा था- हम संविधान बदलने आए हैं, अब यतींद्रनाथ गिरी कह रहा है- नए संविधान के साथ नई संसद में हो प्रवेश ये बयान यूं ही नहीं आ रहे, आरएसएस के लोग बाबासाहेब के संविधान को हटा मनुस्मृति लागू करना चाहते हैं. इनके इरादों से हमें सावधान रहना जरुरी है.

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