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SC/ST/OBC को अब कॉन्ट्रेक्ट जॉब में भी आरक्षण, केंद्र ने SC को दी जानकारी

SC/ST/OBC को अब कॉन्ट्रेक्ट जॉब में भी आरक्षण, केंद्र ने SC को दी जानकारी

एससी/एसटी/ओबीसी के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट को केंद्र ने बताया कि इन समुदायों के लिए अब कॉन्ट्रेक्ट जॉब में भी आरक्षण की व्यवस्था शुरू की गई है. इसके लिए कुछ सीमाएं भी तय की गई हैं. नियमों के मुताबिक, आरक्षण सिर्फ 45 या उससे ज्यादा दिनों के अस्थायी नौकरियों में मिलेगी. केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि सभी मंत्रालयों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. आरक्षण की व्यवस्था को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दी है और बताया कि सरकारी विभागों में 45 दिन या उससे अधिक की अस्थायी नियुक्तियों में SC/ST/OBC आरक्षण दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को अस्थायी पदों पर आरक्षण को लागू किया जाएगा. कोर्ट को जानकारी दी गई है कि किसी भी सरकारी विभाग में आरक्षण की यह व्यवस्था लागू होगी. एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा. अभी तक आरक्षण सिर्फ सरकारी नौकरियों या शिक्षा तक ही सीमित था.

45 या उससे ज्यादा दिनों की नौकरी में मिलेगा आरक्षण
केंद्र के इस फैसला के बाद अब इस समुदाय के लिए सरकारी नौकरी हासिल करना और आसान हो सकता है. संविदा में अगर 45 दिन से कम नौकरी होगी तो उनमें यह आरक्षण लागू नहीं होगा, लेकिन सरकार की तरफ से जो कॉन्ट्रैक्ट में नौकरी दी जाती है उसको वह एक, दो या तीन साल तक किए जाते हैं और यह अवि 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है.

अगर मसले का हल नहीं हुआ तो याचिकाकर्ता फिर आ सकता है कोर्ट

सरकारी पदों पर भर्ती में संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के हवाले से हा गया है कि विभागों द्वारा अस्थायी नौकरियों में आरक्षण से संबंधित निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने इसी ओएम के आधार पर रिट याचिका का निपटारा किया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकारी विभागों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है. अगर आगे भी याचिकाकर्ता को इस संबंझ में कोई परेशानी आती है तो वे दोबारा कोर्ट पहुंचने के लिए स्वतंत्र हैं.

पर्मनेंट जॉब क्यों नही?

सरकार आरक्षण सुनिश्चित तो कर रही है ये अच्छी बात है, लेकिन कॉन्ट्रेक्ट बेस पर क्यों? यह महज कुछ दिनों या सालो तक के लिए होता है. सरकार एक तरफ जल्द से जल्द दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनोमी का दांवा करती है वही दूसरी तरफ वो कॉन्ट्रेक्ट जॉब में आरक्षण देकर इन वर्गों को अपाहिज बनाना चाहती है. कॉन्ट्रेक्ट जॉब न देकर पर्मनेंट जॉब अगर सरकार दे तो ही युवाओं का भविष्य उज्वल हो सकता है.

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