Awaaz India Tv

तमिलनाडु-बंगाल में SIR, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा

तमिलनाडु-बंगाल में SIR, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा

सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर इलेक्शन कमीशन (EC) से अलग-अलग जवाब मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने EC से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। वर्तमान में तमिलनाडु समेत कई राज्यों में SIR के विरुद्ध आंदोलन जारी है. नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को ‘वोट चोर’ करार दिया है.

दोनों राज्यों में SIR प्रक्रिया के खिलाफ DMK, CPI(M), पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई और TMC नेताओं ने याचिकाएं दाखिल की थीं। कोर्ट ने तमिलनाडु में SIR का समर्थन करने वाली AIADMK पार्टी की याचिका को भी सुनवाई में शामिल करने की परमिशन दी।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने मद्रास हाईकोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में SIR को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फिलहाल आगे की सुनवाई न करें। EC ने 27 अक्टूबर को ऐलान किया था कि 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 28 अक्टूबर से 7 फरवरी तक SIR प्रक्रिया होगी। बिहार पहला राज्य है, जहां SIR को लागू किया गया है।

ADR उठाया था मुद्दा

गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से 7 नवंबर को पेश हुए सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा था कि SIR का मुद्दा लोकतंत्र की जड़ों तक जाता है। इसी के बाद जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने 11 नवंबर से सुनवाई शुरू करने का फैसला किया था। उधर, चुनाव आयोग ने 10 नवंबर को मद्रास हाईकोर्ट में कहा कि SIR को लेकर किसी भी आशंका की कोई जरूरत नहीं है। आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।

पूरी प्रोसेस 7 फरवरी को खत्म होगी

देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वोटर लिस्ट अपडेट करने के लिए बूथ लेवल अधिकारी (BLO) 4 नवंबर से घर-घर पहुंचे रहे हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि इन राज्यों में वोटर लिस्ट SIR के लिए BLO की ट्रेनिंग 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक हुई। पूरी प्रोसेस 7 फरवरी को खत्म होगी।

SIR में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा।
इन 12 राज्यों में SIR होगा

■ अंडमान निकोबार ■ छत्तीसगढ़ ■ गोवा ■ गुजरात ■केरल ■लक्षद्वीप ■मध्य प्रदेश ■पुडुचेरी ■ राजस्थान ■ तमिलनाडु ■ उत्तर प्रदेश ■ पश्चिम बंगाल

12 राज्यों में करीब 51 करोड़ वोटर्स SIR वाले 12 राज्यों में करीब 51 करोड़ वोटर्स हैं। इस काम में 5.33 लाख बीएलओ (BLO) और 7 लाख से ज्यादा बीएलए (BLA) राजनीतिक दलों की ओर से लगाए जाएंगे।

SIR के दौरान BLO/BLA वोटर को फॉर्म देंगे। वोटर को उन्हें जानकारी मैच करवानी है। अगर दो जगह वोटर लिस्ट में नाम है तो उसे एक जगह से कटवाना होगा। अगर नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो जुड़वाने के लिए फॉर्म भरना होगा और संबंधित डॉक्यूमेंट्स देने होंगे।


SIR के लिए कौन से दस्तावेज मान्य

पेंशनर पहचान पत्र
किसी सरकारी विभाग द्वारा जारी पहचान पत्र
जन्म प्रमाणपत्र
पासपोर्ट
10वीं की मार्कशीट
स्थायी निवास प्रमाणपत्र
वन अधिकार प्रमाणपत्र
जाति प्रमाणपत्र
राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) में नाम
परिवार रजिस्टर में नाम
जमीन या मकान आवंटन पत्र
आधार कार्ड
SIR मकसद क्या है

1951 से लेकर 2004 तक का SIR हो गया है, लेकिन पिछले 21 साल से बाकी है। इस लंबे दौर में मतदाता सूची में कई परिवर्तन जरूरी हैं। जैसे लोगों का माइग्रेशन, दो जगह वोटर लिस्ट में नाम होना।

असम में अभी नहीं होगा SIR

चुनाव आयोग ने कहा कि असम में नागरिकता से जुड़े नियम थोड़े अलग है, इसलिए वहां SIR प्रक्रिया अलग तरीके से चलेगी।

असम में नागरिकता को लेकर अलग कानून हैं। वहां एनआरसी लागू है। यह भी असम में SIR को फिलहाल के लिए टालने का एक कारण है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *