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CJI अवमानना केस : अटॉर्नी जनरल ने आरोपी वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की दी सहमति, मगर कार्रवाई …..

CJI अवमानना केस : अटॉर्नी जनरल ने आरोपी वकील के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की दी सहमति, मगर कार्रवाई …..

जजों ने कहा कि चीफ जस्टिस गवई साहब ने मैटर क्लोज कर दिया है और अगर हम इसे दोबारा खोलते हैं तो सोशल मीडिया के लोग इस पर और चर्चा करेंगे और इसपर भी व्यूज और पैसा बनाएंगे. वहां नफरत सबसे ऊंचे दामों पर बिकती है. उन्होंने मैटर को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है. उनका कहना है कि सोशल मीडिया वाले (यूट्यूबर, इंफ्लूएंशर आदि) पैसा बनाने का तब तक कोई और मैटर खोज चुके होंगे!

नई दिल्ली : सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को लेकर मुद्दा आज गरमा रहा है । सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपी वकील के खिलाफ ऐक्शन को लेकर मामला जस्टिस सूर्यकांत की बेंच के सामने रखा। तो बेंच ने सोशल मीडिया के लोग इस पर और चर्चा करेंगे और इसपर भी व्यूज और पैसा बनाएंगे.इसलिए मामले की सुनवाई टाल दी ?

देश के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी। राकेश किशोर ने पिछले हफ्ते कोर्ट रूम में सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के लिए बेहतर होगा कि वह अधिक समय बर्बाद करने के बजाय मामलों की सुनवाई के अपने रोजमर्रा के काम पर ध्यान केंद्रित करे। कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या इससे प्रचार चाहने को मौका नहीं मिलेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संयुक्त रूप से दूसरे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने आपराधिक अवमानना मामले को सूचीबद्ध करने की मांग की।

बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने की सुनवाई की मांग

सिंह ने पीठ को अटॉर्नी जनरल द्वारा अनुमति दिए जाने की जानकारी दी और सॉलिसिटर जनरल ने इस तथ्य की पुष्टि की। सिंह ने कहा कि मैंने अटॉर्नी जनरल की सहमति ले ली है और कल सुनवाई की मांग कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अवमानना का मामला अपने हाथ में लें। संवैधानिक निष्ठा सवालों के घेरे में है। राकेश किशोर ने पिछले हफ्ते कोर्ट रूम में सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के लिए बेहतर होगा कि वह अधिक समय बर्बाद करने के बजाय अन्य मामलों की सुनवाई के अपने रोजमर्रा के काम पर ध्यान केंद्रित करे। कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या इससे प्रचार चाहने को मौका नहीं मिलेगा? इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट विकास सिंह और देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संयुक्त रूप से दूसरे सीनियर जज जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने आपराधिक अवमानना मामले को सूचीबद्ध करने की मांग की।

बेंच ने क्या कहा?
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पूछा कि क्या इस मुद्दे को आगे उठाया जाना चाहिए, और इस ओर इशारा किया कि सीजेआई ने खुद इस घटना को अनदेखा कर दिया है। जस्टिस कांत ने कहा, “माननीय चीफ जस्टिस अत्यंत उदार रहे हैं… इससे पता चलता है कि संस्था इस तरह की घटनाओं से प्रभावित नहीं होती।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार विकास सिंह ने कहा, लेकिन जिस तरह से यह चल रहा है और जिस तरह से सोशल मीडिया इसे तूल दे रहा है, उससे संस्था को कुछ नुकसान हो रहा है। एसजी ने कहा कि वकील के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना सीजेआई की तरफ से ‘महानता का संकेत’ था। हालांकि, जिस तरह से कुछ लोग इस घटना को सही ठहराने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह चिंता का विषय है। और यह संस्थागत अखंडता का मामला है।

प्रचार चाहने वालों को मौका नहीं मिलेगा?
जस्टिस बागची ने पूछा कि क्या इस मुद्दे को फिर से उठाने से ‘प्रचार चाहने वालों’ को और मौका नहीं मिलेगा? जस्टिस बागची ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि अदालत का समय अन्य प्राथमिकता वाले मामलों से भटक रहा है। उन्होंने कहा, अब जैसे ही आप कोई कार्रवाई करेंगे, वह प्रकरण संख्या 2 बन जाएगा।

विकास सिंह ने हालांकि, इस ओर ध्यान दिलाया कि किशोर ने अपने कृत्य पर कोई खेद व्यक्त नहीं किया है और वह अपने कृत्य का महिमामंडन करते हुए बयान जारी कर रहा है। जस्टिस बागची ने कहा कि यह मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस घटना से पैसा कमाने का मौका भी देगा।

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