ग्वालियर जिला अस्पताल में अजिथ्रोमाइसिन सिरप में कीड़े जैसी चीज मिलने की शिकायत से हड़कंप मच गया. अस्पताल ने सिरप वितरण पर रोक लगाई, ड्रग डिपार्टमेंट ने सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजे.
ग्वालियर: जिला अस्पताल मुरार में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक महिला ने अपने बच्चे को दिखाने के बाद जो सिरप लिया था, उसमें कीड़े जैसी चीज़ निकलने की शिकायत की है. यह मामला सामने आते ही अस्पताल प्रशासन और ड्रग डिपार्टमेंट दोनों हरकत में आ गए हैं.
ड्रग डिपार्टमेंट की जांच शुरू
दरअसल, महिला दो दिन पहले पीडियाट्रिक विभाग में अपने बच्चे को दिखाने आई थी. डॉक्टर ने उसे अजिथ्रोमाइसिन सिरप दी थी जो बच्चों को बैक्टीरियल इंफेक्शन में दी जाती है. महिला ने घर जाकर सिरप देना शुरू किया, लेकिन दो दिन बाद जब उसने सीसी दोबारा खोली तो उसे उसमें कीड़े जैसी हलचल दिखाई दी.वह फौरन सिरप की वही बोतल लेकर अस्पताल पहुंची और शिकायत दर्ज कराई. जिला अस्पताल प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अजिथ्रोमाइसिन सिरप के वितरण पर रोक लगा दी. बताया जा रहा है कि यह सिरप भोपाल से सप्लाई की गई थी, और अस्पताल के स्टोर में करीब 316 बोतलें स्टॉक में मौजूद थीं. घटना की जानकारी मिलते ही ड्रग डिपार्टमेंट की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. टीम ने सबसे पहले अजिथ्रोमाइसिन सिरप की १० बोतलें चेक कीं, लेकिन उनमें किसी तरह के कीड़े नहीं मिले. फिर भी एहतियात के तौर पर १० बोतलों के सैंपल सील कर लिए गए और कोलकाता लैब भेजने का निर्णय लिया गया.
अजिथ्रोमाइसिन सिरप का वितरण रोका गया
ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि फिलहाल इस सिरप की एक्सपायरी डेट २०२७ है, यानी सिरप नया है और खराब नहीं होना चाहिए था. इसलिए यह भी जांचा जाएगा कि सिरप की पैकिंग में कहीं उत्पादन के दौरान गड़बड़ी तो नहीं हुई. वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने भी कहा कि मरीज की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है. जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक अजिथ्रोमाइसिन सिरप का वितरण रोका गया है.
अन्य दवाएं भी जांच के घेरे में
मामले की गंभीरता देखते हुए विभाग ने सिर्फ एजिथ्रोमाइसिन सिरप ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य बच्चों की दवाओं को भी जांच के दायरे में लिया है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि यह सिरप भोपाल स्थित सरकारी स्टोर से सप्लाई की गई थी. अब विभाग बैच नंबर के आधार पर जानकारी जुटा रहा है कि यह सिरप किन-किन जिलों में भेजी गई थी, ताकि वहां भी तुरंत रोक लगाई जा सके.
दोष साबित होने पर सख्त कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा ने बताया कि सिरप के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं. यदि रिपोर्ट में अमानक या हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, तो संबंधित कंपनी और सप्लायर के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि जांच पूरी होने तक इस सिरप का वितरण और उपयोग पूरी तरह रोक दिया जाए.
क्या है अजिथ्रोमाइसिन?
गौरतलब है कि अजिथ्रोमाइसिन एक कॉमन एंटीबायोटिक है, जो बच्चों और बड़ों दोनों को सर्दी-जुकाम, गले में संक्रमण या बुखार जैसी बीमारियों में दी जाती है. ऐसे में इस घटना ने लोगों के मन में दवा की क्वालिटी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.