लद्दाख में हिंसा भड़कने के बाद सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मुकदमा दर्ज है और हिंसा भड़काने का आरोप है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को ४८ घंटे से ज्यादा हो गए हैं। लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग पर अड़े सोनम वांगचुक भूख हड़ताल पर बैठे थे।सोनम पर आरोप है कि भूख हड़ताल के दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण देकर लोगों को उकसाया और लेह में हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हैं।उनकी पत्नी गीतांजलि ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग करने के बाद से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। बीबीसी हिंदी न्यूज़ को दिए उनके साक्षात्कार के कुछ अंश यहाँ पाठकों के लिए पेश हैं –
पत्रकार – डॉ. साहिबा जब सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया तब आप कहाँ थी? और उस वक़्त माहौल कैसा था ?
डॉ गीतांजलि – सोनम वांगचुक को जब गिरफ्तार किया गया तब मैं हयाल में ही थीं। मगर सोनम अपने गांव में थे. अपने घर में. तक़रीबन १२. ३० बजे के आस पास पुलिस घर पर आयी और खूब साडी छानबीन की. और उन्हें लेकर गयी.

पत्रकार – क्या आप को अंदाज़ा था की उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा ?
डॉ गीतांजलि – पिछले एक महीने से कुछ ऐसा सुनाने में जरूर आ रहा था कि FIR हो सकती है. मगर अचानक ऐसी गिरफ़्तारी होगी इसका अंदाज़ा नहीं था.
पत्रकार – सर्कार ने सोनम वांगचुक पर कई आरोप लगाए हैं जिसमे पाकिस्तान के साथ ताल्लुकात , मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य कई , इस बारे में आप का क्या कहना है ?
डॉ गीतांजलि – पाकिस्तान दौरा – सोनम पर लगे सभी आरोप पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद हैं।पाकिस्तान के दौरे में मैं भी उनके साथ गयी थी। ब्रीद पाकिस्तान नाम से संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था, उसमे शामिल होने के लिए हम लोग वह उपस्थित हुए थे. ग्लेशियर जब पिघलते हैं तब वह यह नहीं देखेगा की मैं भारत में हूँ या पकिस्तान में। करोड़ों लोगों की जानें इन ग्लैसिएर्स पर निर्भर करती हैं. पर्यावरण बदलाव की वजह से गेलासिएर में होनेवाले बदलाव की समस्या का अभ्यास और चिंतन करने के लिए इसका आयोजन किया गया था. अगर इस दौरे को कोई आयएसआय से जोड़कर देखता है तो वह मुर्खतापूर्ण है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोनम वांगचुक की पहचान एक पर्यावरण की रक्षा के लिए जीवन समर्पित करनेवाले वैज्ञानिक के रूप में है.
मंच से सोनम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की – मैं आप का ध्यान इस बात पर भी देना चाहूंगी की इस कार्यक्रम के मंच से सोनम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी कि वह एक संवेदनशील व्यक्ति हैं , जो क्लाइमेट चेंज जैसे गंभीर मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करते हैं. अब इस कार्यक्रम के फोटो और वीडियो को एक साजिश की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बिलकुल गलत बात है. सोनम वांगचुक ने 4 साल पहले जब से लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश से हटाकर राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग शुरू की थी, तभी से उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। सोनम का आंदोलन हमेशा की शांतता पूर्ण रहा है.
मनी लॉन्ड्रिंग – दूसरी बात मनी लॉन्ड्रिंग की तो यह बिलकुल नामुमकिन है क्योकि हमारे ९९. ९९ प्रतिशत व्यवहार ऑनलाइन होते हैं। हम हयाल से पैसे नहीं लेते बल्कि हर साल लगभग ५० लाख से १ करोड़ रुपये तक हम पैसे देते हैं. यह सब कुछ सोनम की प्रतिमा को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है। मगर हम भी पूरी तयारी के साथ सरकार के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
FCR के बारे में – हमने ४ साल पहले FCRA के लिए आवेदन भरा था. मगर उसी समय सोनम पहली बार अपनी मांगो को लेकर अनशन पर बैठे थे. तब पुलिस ने अप्रत्याक्षित रूप से डराने का प्रयास किया था कि अगर अनशन पीछे नहीं लिया तो FCR नहीं होने देंगे. तब सोनम ने कहा हमें FCR नहीं चाहिए.
सरकार द्वारा लगाए सरे आरोपों की हम निंदा करते है. यह एक साजिश है और कुछ नहीं.
पत्रकार – सोनम जी पर यह भी आरोप हैं की उन्होंने काफी भड़काऊ भाषण दिए जिसकी वजह से यह हिंसा भड़की , इसपर आप क्या सोचती हैं?
डॉ गीतांजलि –सोनम हमेशा गांधीजी द्वारा दिखाए अहिंसा के मार्ग पर ही चलते आये हैं। उनकी जुबान में हमेशा ही नम्रता ही होती है. युवाओ को उन्होंने नहीं भड़काया. पिछले ४-५ वर्षों में लदाख में रोजगार की जो दुर्दशा हुयी है उसकी वजह से युवाओं में आक्रोश का वातावरण है, ऐसे में जब आंदोलनकारियों पर आंसू गैस छोड़ा गया तब युवा का धैर्य टूट गया, और भगदड़ मच गयी. मगर ऐसी परिस्थिति में भी गोली चलने की कोई जरुरत नहीं थी क्योकि आंदोलनकारी हमारे अपने ही बच्चे थे. फिर पुलिस ने गोलियां क्यों चलायी ,उन्हें इसकी इजाजद किसने दी? यह सवाल तो जनता ने सरकार से पूछना चाहिए।

पत्रकार – कुछ समय पहले तक सोनम वांगचुक के बीजेपी के साथ अच्छे सम्बन्ध थे फिर ये कड़वाहट क्यों आ गई?
डॉ गीतांजलि – मै और सोनम वांगचुक बीजेपी या कांग्रेस पक्षों में नहीं बटे हैं. हम लोग देश और सच के साथ होते हैं. जो भी देश के लिए अच्छा काम करेगा हम उसके साथ हैं। बीजेपी ने बहुत प्रलंबित मांग को पूरा किया और लदाख को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया , मगर यह मांग पूरी तरह से मान्य नहीं हुयी क्योकि छठी अनुसूची के बिना केंद्रशासित प्रदेश के कुछ मायने ही नहीं हैं.
पत्रकार – आगे की क़ानूनी करवाई के लिए आप क्या कदम उठाने जा रहे हैं ?
डॉ गीतांजलि – गिरफ़्तारी के बाद मुझे पुलिस स्टेशन से फ़ोन आया था , मुझे कहा गया की सोनम वांगचुक को जोधपुर लेकर जा रहे हैं, वह पहुंचकर उनसे आपकी बात कयई जय्र्गी और आपके क़ानूनी अधिकारों के बारे वमे आप को जानकारी भी दी जाएगी, लेकिन २४ घंटो से ज्यादा का समय हो गया है, हमें उनका फ़ोन नहीं आया. वो जोधपुर पहुंचे है या नहीं इसकजी भी कोई खबर नहीं. मै पुलिस स्टेशन फ़ोन कर रही हूँ, तो कोई फ़ोन भी नहीं उठा रहा है.. इस वक़्त हम पूरी तरह से अँधेरे में हैं. क्योकि हमें बताया गया था की FIR नहीं था बल्कि डिटेन्शन आर्डर था.
इतना ही नहीं मेरे ऑफिस के बाहर सीआरपीफ के जवानों को बिठाकर रखा है, अगर कोई मिलने आये तो ज्यादातर लोगों को वापिस भेज दिया जा रहा है. अगर हमारे बोलने पर भी पाबन्दी लगी तो किस मुँह से हम अपने आप को लोकतंत्र की जननी कह सकते है ? यह लोकतंत्र के लक्षण है या कुछ और है ?
पत्रकार – नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया है, अब आप क्या लीगल एक्शन लेने वाले हैं ?
डॉ गीतांजलि – यह एक बहोत ही सख्त कानून है, इसमें जमानत न मिलने की भी संभावना है. इस कानून के तहत उन लोगो को गिरफ्तार किया जाता है जो हिंसा फैलाते हैं, और सोनम ने अपनी ज़िन्दगी में कभी भी हिंसा का मार्ग नहीं अपनाया है, वह तो हमेशा ही से अहिंसा के मार्ग पर चलते आये हैं.
पत्रकार – सोनम वांगचुक की पत्नी इस नाते से अभी आप क्या महसूस कर रही हैं ?
डॉ गीतांजलि – गिरफ़्तारी की जानकारी मिलने के बाद से मैंने लगभग १०० फ़ोन कॉल किये मगर कोई प्रतिसाद नहीं मिला. मै काफी तनाव और परेशां में हूँ.