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मायावती का यह फैसला BSP को दे सकता है नई संजीवनी

मायावती का यह फैसला BSP को दे सकता है नई संजीवनी

बहुजन समाज पार्टी इस चुनाव में पूरी तरह से ट्रांसफॉर्मेशन के मूड में है. बसपा अध्यक्ष मायावती इस बार रणनीति में सबसे आगे है. बसपा ब्राह्मण, ओबीसी, पिछड़े वर्ग, महिला तथा युवाओं से भी संवाद कर रही है. बसपा अब सोशल मीडिया में भी एक्टिव है. बसपा नेता मीडिया से संवाद भी कर रहे है. अब बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने रणनीति को और अधिक सक्षम करते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जो बसपा के लिए मिल का पत्थर साबित हो सकता है. बसपा अध्यक्ष मायावती के बेहद करीबी माने जाने वाले एक सूत्र के अनुसार बसपा ने इस चुनाव में 50 फीसदी युवाओं को टिकट देने का निर्णय लिया है.


सीनियर लीडर्स के कारण कई युवा नेता आगे नहीं आ पाते. आखिर वो कबतक इंतजार करेंगे, ऐसे में बसपा ने सीनियर नेताओं की जगह युवाओं को टिकट देने का फैसला किया है. बसपा अध्यक्ष मायावती का ये फैसला बसपा को नई संजीवनी दे सकता है. ऐसे में जब बसपा के कई नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे है. तब यह रणनीति असरदार साबित हो सकती है.

चंद्रशेखर आज़ाद की भीम आर्मी तथा आज़ाद समाज पार्टी ने कई युवा फ्रंट में है. ऐसे में बसपा ने भी अब युवाओं पर अपना फोकस शिफ्ट किया है. बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे आकाश तथा कपिल मिश्रा दोनों अब युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे है. वही बसपा के नेशनल कोर्डिनेटर आकाश आनंद भी देश के कई राज्यों में भ्रमण कर रहें है.

जो युवा बसपा का टिकट पाना चाहते है उन्हें अपने बारे में पार्टी को लिखकर देना होगा, उनके लिए एक फॉर्म बनाया गया है.जिसमे मिशन के तथा लोगों की भलाई के लिए किये गए कार्य, आंदोलन में उनकी सहभागिता आदि की जानकारी देनी होंगी.

वही हिंदू वोट्स के लिए सतीश चंद्र मिश्रा इन दिनों कई मंदिरों के दर्शन कर रहे है. सतीश मिश्रा ने कहा की बीएसपी में इस तरह से मंदिरों के दर्शन ना करने की कोई पाबंदिया नहीं है.

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