फरीदाबाद में अरावली की नई परिभाषा का विरोध जारी है। सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर विरोध जताया है। ट्रस्ट ने ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है, जिसमें 25 हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। नई परिभाषा से अरावली पर्वतमाला के अधिकांश हिस्से के नष्ट होने का खतरा है। अरावली को हर स्वरूप में स्वीकार करने की मांग की जा रही है।
फरीदाबाद। साहब ,अरावली सिर्फ हमारे लिए जमीन का टुकड़ा या पहाड़ नहीं बल्कि हमें जीवन देने वाली मां है। उसे परिभाषा में बांटने की बजाय सम्मान और संरक्षण देने की जरूरत है। अरावली पर किसी भी नई परिभाषा को लागू नहीं होने देंगे। इसका पुरजोर विरोध हो रहा है और जारी भी रहेगा… केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में कुछ इस तरह से सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने अरावली की नई परिभाषा का विरोध जताया है।
अरावली की नई परिभाषा को लेकर विरोध जारी है। सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान चलाया है। इसमें 25 हजार से अधिक लोग ऑनलाइन जुड़ चुके हैं। इसके अतिरिक्त रविवार को वन क्षेत्र में एकत्रित होकर लोगों ने विरोध जताया था।
पदाधिकारियों के मुताबिक, नई परिभाषा के विरोध में जिला उपायुक्त को ज्ञापन दिया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। नई परिभाषा से अरावली पर्वतमाला के अधिकांश हिस्से नष्ट हो जाने का खतरा बढ़ गया है।
तकनीकी परिभाषा को हटाने की मांग की
पदाधिकारियों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि नई परिभाषा से पर्यावरणीय खतरे पैदा हो जाएंगे। साफ हवा और प्रदूषण से मुक्ति के लिए अरावली आवश्यक है। इस निर्णय पर पुनर्विचार जरूरी है। सरकार ने अरावली पर्वतमाला के तहत उन्हीं पर्वतों को शामिल करने की बात कही है, जिनकी ऊंचाई कम से कम सौ मीटर है। जबकि अरावली वन क्षेत्र में अधिकांश पहाड़ों की ऊंचाई सौ मीटर से कम है। अरावली को हर स्वरूप में स्वीकार करने और बचाने की मांग की गई है।
सोशल मीडिया पर ट्रेड कर रहा सेव अरावली
बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर सेव अरावली ट्रेड कर रहा है। यूजर्स पोस्ट के माध्यम से अरावली को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। साथ ही नई परिभाषा के लागू होने से होने वाले नुकसान के बारे में भी बता रहे हैं। इन पोस्ट पर हजारों की संख्या में लाइक्स और कमेंट्स आ रहे हैं। साथ ही सेव अरावली ट्रेंड में लगातार लोग जुड़ते जा रहे हैं।


