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उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत, माननी होंगी कुछ शर्तें

उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत, माननी होंगी कुछ शर्तें

उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक और उन्नाव रेप केस में सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 लाख के मुचलके और कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है।

उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप केस में सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंहसेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। पूर्व विधायक को 15 लाख के मुचलके पर जमानत दी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक निचली अदालत के दोषी ठहराने के खिलाफ दाखिल अपील पर हाईकोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक जमानत बरकरार रहेगी। साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता के 5 किलोमीटर के दायरे में न आने का आदेश दिया गया है। इसके अतिरिक्त जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहने का भी आदेश दिया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को हर सोमवार पुलिस को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है। निर्देश किया गया है कि पीड़िता को कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से कोई धमकी या डर नहीं प्रतीत होगा चाहिए। वहीं उन्हें अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा।

शर्त उल्लंघन पर रद्द होगी जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत रद्द कर दी जाएगी। बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

उन्नाव रेप केस में कब और क्या हुआ
बता दें कि यह उन्नाव दुष्कर्म कांड साल 2017 का है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। उन्नाव की एक नाबालिग लड़की ने तत्कालीन भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता को लंबे समय तक न्याय न मिलने से आहत होकर उसने मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी।

कुलदीप सिंह सेंगर को 2019 में हुई थी उम्रकैद
यह घटना सामने आने के बाद मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया था। मामले ने उस समय और भी भयावह मोड़ ले लिया, जब पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसके बाद पीड़िता के साथ हुए एक सड़क हादसे में उसकी चाची और वकील की मौत हो गई, जबकि पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

मामले की सुनवाई के बाद वर्ष 2019 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही अदालत ने उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था, जिसे पीड़िता को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया गया था।

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