स्पेशल इंटेंसिव रिविजन यानी SIR के कारण बूथ लेवल अधिकारियों पर काम का दवाब बेहद बढ़ गया है। इस कारण बीते 19 दिनों में 16 बूथ लेवल के अधिकारियों की मौत हो गई।
देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन यानी SIR का काम जारी है। बूथ लेवल अफसरों पर SIR का काम तय समय पर पूरा करने का भारी दवाब है। इस कारण BLO बीमारी और अवसाद का शिकार बन रहे हैं। बीते 19 दिनों में 6 राज्यों में 16 BLOs की मौत हुई है। मौत की वजह आत्महत्या, हर्ट अटैक और सड़क हादसा बताया गया है।
चार दिनों से सोए नहीं, ऑनलाइन मीटिंग में बेहोश, मौत
एमपी में भी SIR का काम तेजी से चल रहा है। इसका खामियाजा BLO चुका रहे हैं। पिछले 4 दिनों में भोपाल में 50 से अधिक बूथ लेवल अधिकारी बीमार पड़े हैं। जिनमें से दो को हार्ट अटैक आया और एक का ब्रेन हैम्रेज हो गया। पश्चिम बंगाल में काम के तनाव के चलते एक महिला बूथ लेवल अफसर ने खुद की जान ले ली। मृतका के परिजनों ने कहा कि काम के दवाब के कारण उसने आत्मघाती कदम उठाया। गुजरात व दमन में 4-4, बंगाल में 3, राजस्थान में 2, केरल व तमिलनाडु में 1-1 की जान गई है।

एमपी के रायसेन में बीते गुरुवार को BLO रमाकांत पांडेय की मौत हुई। परिजनों ने कहा कि पांडेय काम के दवाब के चलते बीते 4 दिनों से सोए नहीं थे। ऑनलाइन मीटिंग में वह बेहोश हो गए और जमीन पर गिर गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। मोह के सीताराम गोंड (50) शुक्रवार को फॉर्म भरते समय बीमार हुए।
रायसेन के BLO चार दिनों से लापता
वहीं, रायसेन के बीएलओ नारायण सोनी छह दिन से लापता हैं। परिजनों ने कहा कि वह टारगेट, देर रात मीटिंग और निलंबन की चेतावनी से परेशान थे। भोपाल में शनिवार को काम कर रहीं बीएलओ कीर्ति कौशल और मोहम्मद लईक को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। दोनों भर्ती है। 6 नवंबर को दमोह में सड़क हादसे में श्याम शर्मा (45) की मौत हो गई। दतिया के उदयभान सिहारे (50) ने 11 नवंबर को खुदकुशी कर ली।
16 BLO की मौत पर राहुल गाँधी ने जताई चिंता, कहा यह सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि :
SIR के नाम पर देश भर में अफ़रा-तफ़री मचा रखी है – नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई। हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या – SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है। ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हज़ारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें। मक़सद साफ़ है – सही मतदाता थककर हार जाए, और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे। भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर भारत का चुनाव आयोग आज भी काग़ज़ों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है। अगर नीयत साफ़ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती – और ECI 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय उचित समय ले कर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता। SIR एक सोची-समझी चाल है – जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और BLOs की अनावश्यक दबाव से मौतों को “कॉलैटरल डैमेज” मान कर अनदेखा कर दिया है। यह नाकामी नहीं, षड़यंत्र है – सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है।
सौराष्ट्र में BLO ने की आत्महत्या
गुजरात के वडोदरा में सहायक बीएलओ ऊषा बेन काम करते करते बेसुध हो गई। उनकी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सौराष्ट्र में शुक्रवार को अरविंद वाढेर ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट पर लिखा कि अब काम नहीं हो सकता। तापी में सहायक बीएलओ कल्पनवेन व खेडा में बीएलओ की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अहमदाबाद में फारूक और दाहोद में बचूभाई बीमार हो गए। वह अस्पताल में भर्ती हैं।
पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में BLO रिंकू का शव छत से लटका हुआ मिला। मरने से पहले रिंकू ने सुसाइड नोट छोड़ा था। पश्चिम बंगाल में एसआईआर से जुडी यह दूसरी आत्महत्या है। राजस्थान के जयपुर में रविवार को बीएलओ मुकेश जांगिड़ (48) ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी। करौली में बीएलओ की मौत हो गई। सवाई माधोपुर में एक बीएलओ को हार्ट अटैक आ गया।


