नोएडा में प्रदूषण स्तर 300 से 400 के बीच दर्ज किया जा रहा है, जो सांस लेने के लिए बेहद खतरनाक है. कैलाश अस्पताल के लंग्स विशेषज्ञ के अनुसार, ऐसे AQI में सांस लेना 40–50 सिगरेट का धुआं लेने जैसा है. PM2.5 और PM10 जैसे बेहद महीन कण लंग्स में जाकर पूरे शरीर को प्रभावित करते हैं. वाहनों से निकलने वाले केमिकल भी नुकसान बढ़ाते हैं.
नोएडा: नोएडा में प्रदूषण के स्तर की बात करें तो यह 300 से 400 के बीच है और इस स्थिति में सांस लेना मतलब है कि अपने लंग्स और दूसरे ऑर्गन्स को खतरे में डालना इस बारे में हमने कैलाश अस्पताल के लंग्स स्पेशलिस्ट डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि इस ख़तरनाक AQI में सांस लेना मतलब है, कि 40 से 50 सीक्रेट का धुआं हम अपने अंदर ले रहे हैं. इस स्थिति में अपने आप को कैसे सुरक्षित रखा जाए और लंग्स कैंसर सहित अन्य बीमारियों से कैसे बचा जाए जानिए इनकी राय.
डॉक्टर के अनुसार जिस तरह का आजकल नोएडा एनसीआर में प्रदूषण बढ़ा हुआ है, जिसमें पीएम 2.5 पीएम 10 (पार्टिकुलर मेटर) भी बहुत ज्यादा है. गाड़ियों से जो धुआं निकलता है, उसमें जो केमिकल निकलते हैं वो भी बॉडी के लिए बहुत हानिकारक होता है. पीएम 2.5 की बात करें तो बहुत ही महीन कण होते हैं, जो सांस के साथ अंदर लंग्स में चले जाते हैं. वहीं से पूरे शरीर में फैल जाते हैं और बुरा इंपैक्ट पड़ता है, साथ ही बताया कि इससे सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं होता दूसरे अंगों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है. हार्ट सहित शरीर के दूसरे अंग और बच्चों की डेवलपमेंट पर असर दिखाई देता है.
प्रदूषण से लंग्स में हो सकता है कैंसर
पीएम 10 के बारे में डॉक्टर ने बताया कि जब हम सांस लेते हैं तो सांस नली के जरिए हमारे फेफड़ों में पंहुचती है. और उसी के चलते सबसे पहले ये असर सांस नली पर होता है. पीएम 10 पीएम 2.5 की तुलना में बड़े होते है जिसके चलते वो सांस नली में फंस जाते हैं और पीएम 2.5 फेफड़े और उसके बाद दूसरे बॉडी पार्ट में पंहुचकर अपना बुरा असर डालते हैं. प्रदूषण से लंग्स पर असर पड़ता है. साइटफिक शोध की मानें तो 300 पार वाले AQI में सांस लेने का मतलब है दिनभर में 40 से 50 सिगरेट पीने के बराबर है. और लंग्स कैंसर ज्यादातर स्टडी में स्मोकिंग की वजह से होता है इसका मतलब है कि हम अगर स्मोकिंग नहीं भी कर रहे है तो हमारी बॉडी पर उतना ही असर पड़ रहा है जितना स्मोकिंग करके पड़ता है. और लंग्स कैंसर के चांस बढ़ जाते हैं.
कैसे करें बचाव
डॉक्टर के अनुसार सबसे पहले तो हम प्रदूषण वाले वातारण से कैसे बचें. ये प्रक्रिया जरूर अपनाएं. दूसरा हमें सामाजिक दायित्व निभाते हुए प्रदूषण कम करना है. सुबह शाम दफ्तर के समय जब भी घर से निकलें तो बहुत सावधानी और मास्क के साथ बाहर निकलें. साथ ही ये भी ध्यान रखना है कि आप घर से बाहर नहीं जा रहे हैं, लेकिन हवा आ रही है उसका बचाव करना है और सावधानी बरतनी है. खाने पीने में जंक फूड से दूर रहे न्यूट्रिशियन वाला पौष्टिक आहार लें.
नोएडा के कई सेक्टरों में AQI रिकॉर्ड स्तर पर
आपको बता दें कि आज सुबह नोएडा में हवा की गुणवत्ता तेजी से गिरी. सेक्टर 76, 75, 74 और 78 की तरफ AQI 324 दर्ज किया गया. वहीं सेक्टर 1, 2, 3, 5, 6 और 15 में भी यह स्तर 312 तक पहुंचा. इसके अलावा सेक्टर 125, 126 और 128 की तरफ 325 का स्तर रिकॉर्ड किया गया. ग्रेटर नोएडा में थोड़ी राहत जरूर दिखी, लेकिन वहां भी हवा ‘खराब’ श्रेणी में रही, जहां AQI AQI 304 दर्ज किया गया. और सेक्टर 62 के आस पास AQI 346 दर्ज किया गया.


