सॉरी सावरकर” के नारे लगाने पर NSUI MGAHV, वर्धा के अध्यक्ष धनंजय समेत 10 छात्रों पर FIR और 14 दिन का हॉस्टल निलंबन, ABVP–RSS के इशारे पर यूनिवर्सिटी प्रशासन कारवाई के आरोप
वर्धा: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (MGAHV), वर्धा में JNUSU चुनावों में वामपंथी दलों की जीत का जश्न मनाने वाले 10 छात्रों को हॉस्टल से 14 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है. ये सभी विद्यार्थी दलित और ओबीसी समुदायों के हैं, 6 नवंबर की रात को कैंपस में छात्रों द्वारा ख़ुशी जाहिर करते हुए लगाए गए नारों को लेकर यह करवाई की गई है, जिन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन ने ‘महापुरुषों की गरिमा का हनन’ बताया है।
छात्रों का कहना है कि यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है, जबकि प्रशासन ने शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं विवि प्रशासन ने इन विद्यार्थियों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत भी की है जिससे छात्र वर्ग स्तब्ध है। पीड़ित छात्र धनंजय सिंह जो विवि के एनएसयुआई के अध्यक्ष भी हैं, ने बताया कि ” हम नारे लगाते हुए एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक पैदल चलते गये, किसी की भावनाओं को आहत करना मकसद नहीं था. लेकिन ABVP समर्थकों ने वीडियो बनाकर शिकायत की।” तो कुछ का कहना है छात्रों ने “सॉरी सॉरी — सावरकर” , “आरएसएस का छोटा बंदर —बाल नरेंद्र-बाल नरेंद्र” जैसे नारे लगाये जिससे ABVP समर्थक क्रोधित हुए और शिकायत की गई।
विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. राकेश कुमार मिश्र ने इसपर ‘अनधिकृत जमावड़ा’ और ‘महापुरुषों का अपमान’ करार देते हुए 6 छात्रों को अगले दिन शो कॉज नोटिस जारी किया जबकि 9 नवंबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। एक पीड़ित छात्र राकेश अहिरवार ने बताया कि उसने नोटिस मिलने पर जवाब भी दिया जिसमें लिखा कि नोटिस जारी करने का आधार अस्पष्ट एवं आधारहीन है। राकेश ने कहा, ” हमने न तो किसी महापुरुष का अपमान किया है, न किसी प्रकार की अपमानजनक नारेबाजी की है. और न ही किसी प्रकार का जमावड़ा किया है, जमावड़ा शब्द गलत है क्योंकि हम कुछ ही चलते फिरते साथी शामिल थे।”
छात्रों के जवाबी पत्र को नजरअंदाज करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। डॉ. राकेश कुमार मिश्र ने 10 छात्रों को तत्काल प्रभाव से 14 दिनों के लिए छात्रावास से निलंबित घोषित कर दिया। आदेश में कहा गया: ” दिनांक 06 नवंबर, 2025 की रात्रि को छात्रावास परिसर में जुलूस निकालकर महापुरूषों की गरिमा हनन से संबंधित नारे लगाकर विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण एवं अकादमिक माहौल को प्रभावित करने में प्राथमिक तौर पर संलिप्त पाये जाने के कारण अध्यादेश क्रमांक 12.2 के बिंदु 06 के प्रावधान के तहत निम्नलिखित विद्यार्थियों को तत्काल प्रभाव से 14 दिनों के लिए (दिनांक 25.11.2025 तक) छात्रावास से निलंबित किया जाता है।”
निलंबित छात्रों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस अवधि में कैंपस में प्रवेश न करें, अनुशासन का पालन करें और जाँच में सहयोग दें। साथ ही पूरे प्रकरण की जाँच के लिए एक समिति गठित की गई है, जो घटना की गहन पड़ताल करेगी। छात्रों ने बताया कि विवि की शिकायत पर पुलिस स्टेशन से कॉल भी किया गया जिसपर सभी छात्र थाने भी गए, अभी FIR दर्ज नहीं हुई है।
निलंबित छात्रों ने हॉस्टल खाली कर लिया है और अस्थायी व्यवस्था के लिए परेशान हैं। जाँच समिति की पहली बैठक 12 नवम्बर शाम 4:30 बजे हुई है, फिर भी बिना जांच रिपोर्ट के होस्टल से निकलने और पुलिस शिकायत को छात्र ‘हैरासमेंट’ बता रहे हैं।
निलंबित 10 छात्र राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद और सुखदेव छात्रावासों से जुड़े हैं जिनके नाम धनंजय सिंह (एम.ए. समाज कार्य) , अश्विनी सोनकर (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) कौशल कुमार (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) बृजेश सोनकर (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स), कर्णवीर सिंह (बी.एड. एम.एड. एकीकृत), राकेश अहिरवार (चार वर्षीय स्नातक जापानी), धर्मेंद्र कुमार (चार वर्षीय स्नातक जापानी), मनीष चौधरी (एम.एस.डब्ल्यू), सत्येंद्र राय (बी.ए.एल.एल.बी. ऑनर्स) और अभिजीत कुमार (चार वर्षीय स्नातक राजनीति विज्ञान) हैं।


