महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने २४६ नगर परिषदों और ४२ नगर पंचायतों के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है. राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने बताया कि मतदान २ दिसंबर को होगा. आयोग ने पारदर्शिता के लिए एक मोबाइल ऐप और डुप्लीकेट मतदाताओं को रोकने के लिए एक नया टूल भी पेश किया है.
महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने आज राज्य के शहरी स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की. राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार २४६ नगरपरिषदों और ४२ नगरपंचायतों में चुनाव होंगे. हालांकि, जिन १०५ नगरपंचायतों का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है, वहां चुनाव बाद में होंगे.
वाघमारे ने बताया कि नगरपरिषदों के अध्यक्ष पद के लिए भी प्रत्यक्ष चुनाव होंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज महानगरपालिका और जिला परिषद के चुनावों की घोषणा नहीं की जाएगी. राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं की पारदर्शिता और सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप जारी करने की घोषणा भी की है. इस एप में उम्मीदवारों और मतदाताओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी.
कुल मतदाता: 1 करोड़ 60 लाख
मतदान केंद्र: 13,155
वोटिंग सिस्टम: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)
अध्यक्ष पद के लिए खर्च सीमा: ₹15 लाख
सदस्य पद के लिए खर्च सीमा: ₹12 लाख
डुप्लीकेट मतदाताओं पर रोक
डुप्लीकेट मतदाता का मुद्दा फिलहाल राज्य की राजनीति में काफी हॉट इशू बना हुआ है. डुप्लीकेट या दोहरी वोटिंग रोकने के लिए आयोग ने एक नया टूल तैयार किया है. इस प्रणाली के तहत अगर कोई मतदाता पहले से किसी अन्य केंद्र पर दर्ज है तो मतदान के समय डबल स्टार अलर्ट दिखेगा. इसके बाद मतदान अधिकारी उस मतदाता की पहचान की पुष्टि करेंगे और उनसे लिखित घोषणा (डिक्लेरेशन) ली जाएगी कि वो दोबारा मतदान नहीं करेंगे.राज्यभर में चुनाव प्रक्रिया के लिए 288 चुनाव अधिकारी और 66,775 चुनाव कर्मचारी तैनात किए जाएंगे.
विभागवार चुनाव विवरण
कोंकण विभाग: 27
नाशिक विभाग: 49
छत्रपति संभाजीनगर विभाग: 52
अमरावती विभाग: 45
नागपुर विभाग: 55
चुनाव कार्यक्रम
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि: 17 नवंबर
चुनाव चिन्ह आवंटन: 26 नवंबर
मतदान: 2 दिसंबर
मतगणना: 3 दिसंबर
परिणाम राजपत्र में प्रकाशन: 10 दिसंबर
राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने कहा कि आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने की पूरी तैयारी कर ली है। आयोग का उद्देश्य सभी नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों को समयबद्ध और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराना है।


