महागठबंधन में सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान पर विराम लग गया है. महागठबंधन की साझा पत्रकार परिषद् में कहा गया कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट होंगे.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की ओर से बड़ा ऐलान हुआ है. आखिरकार यह साफ हो गया है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमारे नेता तो तेजस्वी यादव हैं. हमने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी ही होंगे. इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन में चल रही सीएम फेस की अटकलों पर विराम लग गया है. तेजस्वी यादव पहले से ही आरजेडी की ओर से प्रचार अभियान की अगुवाई कर रहे हैं और लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए पर हमलावर हैं.
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बिहार प्रभारी कृष्ण अल्लावरू के साथ लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. इस दौरान राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. माना जा रहा है कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान लगभग खत्म हो चुकी है। गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसी भी प्रदेश में अलायंस होता है तो कुछ सीटों पर विवाद होना स्वाभाविक है. जो भी भ्रम फैलाया जा रहा है, वो जल्द स्पष्ट हो जाएगा. इतनी बड़ी लड़ाई में 5-6 सीटों पर फ्रेंडली फाइट कोई बड़ी बात नहीं है. गहलोत ने दावा किया कि गठबंधन पूरी तरह एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. वहीं, कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावरू ने कहा कि ये लड़ाई एनडीए को उखाड़ फेंकने की है.
महागठबंधन ने उतारे २५४ उम्मीदवार
बता दें कि महागठबंधन में सीट बंटवारे के औपचारिक घोषणा से पहले ही घटक दलों द्वारा सिंबल बांटना शुरू कर दिया गया था. जिससे गठबंधन की अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. २४३ सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन ने कुल २५४ उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिसका अर्थ है कि घटक दल कई जगह एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं.
करीब दर्जनभर सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ या सीधी टक्कर की स्थिति बनी हुई है:
कांग्रेस और आरजेडी ५ सीटों (सिकंदरा, कहलगांव, सुल्तानगंज, नरकटियागंज और वैशाली) पर आमने-सामने हैं.
वीआईपी और आरजेडी के बीच २ सीटों (चैनपुर और बाबूबरही) पर सीधी टक्कर है.
कांग्रेस और सीपीआई ४ सीटों (बछवाड़ा, करगहर, बिहारशरीफ और राजापाकर) पर एक-दूसरे के खिलाफ हैं.
इन सीटों पर एक ही गठबंधन के दो-दो उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से न केवल कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है, बल्कि प्रचार कार्यालय, पोस्टर और उम्मीदवार भी बंटे हुए दिखाई दे रहे हैं.