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बिहार में 65 किमी लंबा महाजाम ! 96 घंटों से सड़क पर आम नागरिक भूख और प्यास से बेहाल

बिहार में 65 किमी लंबा महाजाम !  96 घंटों से सड़क पर आम नागरिक भूख और प्यास से बेहाल

बिहार में NH-१९ पर सासाराम-रोहतास के पास चार दिनों में ४० किलोमीटर लंबा महाजाम लगा गया है. दिल्ली-कोलकाता हाईवे पर हजारों यात्री और ट्रक चालक भूख-प्यास से फंसे हैं. मूसलाधार बारिश से सड़कों पर गड्ढे और पानी भरने के कारण यह स्थिति बनी. प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है.

बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग १९ पर सासाराम और रोहतास के पास 65 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है, जिससे हज़ारों यात्री और ट्रक चालक फंसे हुए हैं. यहां दिल्ली कोलकाता हाईवे पर पिछले ४ दिनों से महाजाम लगा हुआ है. शनिवार से यह विकराल जाम लगा हुआ है. इस जाम का असर ऐसा है कि वाहनों के परिचालन पर बहुत बुरा असर पड़ा रहा है. हजारों की संख्या में वाहन जाम में फंसे हुए हैं. जबकि वाहन चालक के साथ आम नागरिक भूख और प्यास से बेहाल है. सबसे बड़ी बात यह की पिछले चार दिन पहले लगा जाम अब अपने दायरे को बढ़ा रहा है. जाम रोहतास जिले से शुरू होकर के औरंगाबाद जिले तक पहुंच गया है. हालात ऐसे हैं कि २४ घंटे में लोग केवल चार से पांच किलोमीटर का ही रास्ता तय कर पा रहे हैं.

डायवर्जन एवं सर्विस लेन में भरा पानी
इस महाजाम में प्राइवेट वाहन के अलावा सैंकड़ों की संख्या में एंबुलेंस, आपातकालीन सेवा के साथ-साथ टूरिस्ट वाहन फंसे हुए हैं. जाम के बारे में बताया जा रहा है कि पिछले शुक्रवार को जिले में मूसलाधार बारिश हुई थी. जिसके बाद नेशनल हाईवे १९ के विभिन्न जगहों पर सिक्स लेन निर्माण कंपनी के द्वारा बनाए गए डायवर्जन एवं सर्विस लेन में पानी भर गया. इसके अलावा सड़क पर जगह-जगह गड्ढे भी हो गए हैं. इन सब का सीधा असर वाहनों के परिचालन पर पड़ा है. चार दिनों से यह समस्या बनी हुई है. जबकि प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या से निजात पाने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

क्या बोले जाम में फंसे लोग?
ट्रक ड्राइवर संजय दास ने कहा कि अभी तक कोई अधिकारी हमसे मिलने नहीं आया है. हम मुश्किल से ही आगे बढ़ पा रहे हैं. हम चाय और बिस्कुट खाकर गुजारा कर रहे हैं. ओडिशा से दिल्ली जा रहे एक अन्य ड्राइवर दुबन कुमार ने कहा कि जाम कल सुबह लगभग ८ बजे से ही लगा हुआ है. मैं मुश्किल से ५ किलोमीटर ही आगे बढ़ पाया हूं. तब से मैं यहां सासाराम में ही फंसा हुआ हूं. खाने का कोई ठिकाना नहीं है, हम सड़क किनारे मिलने वाले थोड़े-बहुत नाश्ते पर गुजारा कर रहे हैं.

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कुछ कहने से किया इंकार
लंबे ट्रैफिक जाम का असर अब व्यापार पर भी पड़ने लगा है. ट्रकों में भरे फल-सब्जियों और अन्य सामान के सड़ने का खतरा बढ़ गया है. कई व्यापारी और ट्रांसपोर्टर लाखों रुपये के नुकसान की आशंका जता रहे हैं. इमरजेंसी सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. एंबुलेंस और अन्य जरूरी वाहनों को भी रास्ता नहीं मिल रहा. सड़क किनारे फंसे यात्रियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जिनके लिए स्थिति और कठिन हो गई है. मामले पर जब NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर रंजीत वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक जलनिकासी और सड़क मरम्मत का कार्य तेजी से शुरू नहीं किया जाता, तब तक जाम की समस्या बनी रहेगी. फिलहाल यात्रियों और ड्राइवरों को सड़क पर ही रात गुजारनी पड़ रही है और फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही. चार दिन से जारी यह जाम बिहार के लिए प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन चुका है. जहां सड़कें विकास के नाम पर बनाई तो गईं, लेकिन थोड़ी-सी बारिश ने पूरे तंत्र की पोल खोल दी.

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