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आज सोनम वांगचुक के साथ खड़ा हुआ नागपुर, हाथों में मशाल लेकर धरना आंदोलन …..

आज सोनम वांगचुक के साथ खड़ा हुआ नागपुर, हाथों में मशाल लेकर धरना आंदोलन …..

पर्यावरणविद्, शिक्षाविद् और वैज्ञानिक सोनम वांगचुक को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आज दोपहर 12 बजे से संविधान चौक पर धरना आंदोलन किया गया। ‘हम भारत के लोग’ बैनर तले विभिन्न संगठनों की ओर से इस आंदोलन का आयोजन किया गया था. लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लदाख में हजारों लोग सड़क पर उतर आए. लोगो में बढे हुए आक्रोश की जिम्मेदारी वांगचुक पर डालते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

नागपुर: आज पर्यावरणविद्, शिक्षाविद् और वैज्ञानिक सोनम वांगचुक को तत्काल और बिना शर्त रिहा करने और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आज दोपहर 12 बजे से संविधान चौक पर धरना आंदोलन किया गया। ‘हम भारत के लोग’ बैनर तले विभिन्न संगठनों की ओर से इस आंदोलन का आयोजन किया गया था. केंद्र सरकार के रवैये की कड़ी निंदा करते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब उन्होंने २४ सितंबर २०२५ को लेह में अपने भूख हड़ताल को इस आधार पर समाप्त कर दिया था कि आंदोलन ने हिंसक स्वरूप ले लिया है।


इस वक़्त सैकड़ों लोग हाथो में मशाल लेकर सड़क पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करते नज़र आये. नागपुर के लोग लदाख और सोनम वांगचुक के साथ खड़े हैं इस आशय के फलक भी प्रदर्शनकर्ता अपने साथ लेकर चल रहे थे.वांगचुक को आतंकियों पर लगाए जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के समय उनकी पत्नी घर पर नहीं थीं और उन्हें बाद में फोन करके सूचित किया गया कि पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उनकी लोकेशन या उनके ऊपर लगे आरोपों पर भी कोई जानकारी नहीं दी। उन्हें जोधपुर जेल (राजस्थान) ले जाया गया है। संगठनों ने जोर देकर कहा कि सोनम वांगचुक द्वारा उठाई गईं मांगें उनकी अपनी नहीं थीं। ये मांगें २०१९ में जम्मू-कश्मीर के यूनियन टेरिटरी में विभाजन के समय देश के गृह मंत्रालय द्वारा लद्दाख की जनता को दिए गए आश्वासन पर आधारित थीं।

देश की जनता ने सड़क पर उतरने का समय है

देश के हर हिस्से से देश की जनता ने सोनम वांगचुक के लिए सड़क पर उतरने का समय आ गया है ऐसा मत धरना आंदोलन में सहभागी प्रकाश दार्शनिक, सुधांशु मोहोड, सुनील सारिपुत्त, शंकर ढेंगरे, नरेश वाहाने, मिलिंद पखाले, भूपेश थुलकर, अरूण गाडे, प्रकाश कुम्भे, राजन वाघमारे ने व्यक्त किया.

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