मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की मां कमल गवई ने आरएसएस के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। 84 वर्षीय कमल गवई ने पत्र लिखकर कहा कि कार्यक्रम की खबर सामने आने के बाद उन पर और उनके दिवंगत पति दादासाहेब गवई पर अंबेडकरवादी विचारधारा छोड़ने जैसे आरोप लगाए गए, जिससे वह आहत हुईं।
मुंबई : 84 वर्षीय कमल गवई को कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी से सद्भावना है और वह सभी का स्वागत करती हैं। लेकिन जैसे ही यह खबर सामने आई कि वह कार्यक्रम में जाएंगी, उन पर और उनके दिवंगत पति दादासाहेब गवई पर सवाल खड़े किए जाने लगे। आलोचकों ने आरोप लगाया कि यह उनके अंबेडकरवादी विचारों के विपरीत है।
अंबेडकरवादी पृष्ठभूमि पर जोर
कमल गवई ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने और उनके पति ने जीवनभर बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को मानकर जीवन जिया है। दादासाहेब गवई, जो बिहार के राज्यपाल भी रहे, ने अपना पूरा जीवन अंबेडकर आंदोलन को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि उनके पति अलग विचारधारा वाले मंचों पर भी जाते थे, लेकिन कभी हिंदुत्व की विचारधारा को स्वीकार नहीं किया।

‘मैं मंच पर होती तो अंबेडकर की बात रखती’
कमल गवई ने साफ कहा कि अगर वह पांच अक्तूबर को होने वाले आरएसएस कार्यक्रम में मंच पर जातीं, तो वहां अंबेडकरवादी विचारधारा को ही रखतीं। उनके अनुसार, अलग विचारधारा वाले मंचों पर जाकर भी अपने विचार रखना साहस की बात है। लेकिन इस एक कार्यक्रम के कारण उन पर और उनके पति पर जिस तरह से आरोप लगाए गए, उसने उन्हें गहरा दुख पहुंचाया।

आलोचना से आहत होकर लिया फैसला
पत्र में कमल गवई ने लिखा कि उन पर और उनके दिवंगत पति पर झूठे आरोप लगाए गए, मानो एक कार्यक्रम से उनकी पूरी विचारधारा बदल गई हो। यह स्थिति उनके लिए बेहद पीड़ादायक रही। उन्होंने कहा कि अब वह इस विवाद को खत्म करने के लिए कार्यक्रम में न जाने का निर्णय ले रही हैं। कमल गवई ने यह भी बताया कि वह बीमार हैं और इलाज करवा रही हैं। ऐसे में वह अब किसी भी विवाद में उलझना नहीं चाहतीं। उन्होंने दोहराया कि उनका जीवन अंबेडकरवादी विचारों के लिए ही समर्पित रहा है और किसी भी परिस्थिति में उससे विचलित नहीं हो सकतीं।
नागपुर कार्यक्रम के मुख्या अतिथि हैं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
नागपुर : 2 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में होने वाले RSS के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चीफ गेस्ट होंगे। इस साल संघ अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर रहा है। संघ के शताब्दी वर्ष में यह एक ऐतिहासिक समारोह होगा।
रामनाथ कोविंद दूसरे पूर्व राष्ट्रपति हैं जो RSS के किसी कार्यक्रम में मुख्या अतिथि बन रहे हैं। इससे पहले २०१८ में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बने थे। तब वे एक ट्रेनिंग कैंप के समापन समारोह में शामिल हुए थे।
संघ विजयादशमी पर अपना स्थापना दिवस मनाता है। १९२५ में विजयादशमी के दिन डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने इसकी शुरुआत की थी।