बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए एक बड़ी पहल की है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत अब तक 75 लाख महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। योजना के पहले चरण में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से इन महिलाओं के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी। कुल राशि लगभग 7500 करोड़ रुपये रही, जो एक साथ ट्रांसफर की गई।
दरअसल, सरकार ने घोषणा की है कि जो महिलाएं अभी योजना से वंचित हैं, उन्हें भी अगली किस्त के तहत लाभ दिया जाएगा। 3 अक्टूबर 2025 को उन महिलाओं के खाते में भी 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ प्रत्येक परिवार की एक महिला को दिया जाएगा ताकि वह स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ा सके।

बिहार में चुनाव से पहले गरीब महिलाओं को 10,000 रुपए देने के एनडीए सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने इसे वोट रेवड़ी बताते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का कहना है, ये जो योजना है उसमें मोदी जी ने तो एक भी पैसा दिया नहीं है. सारा पैसा राज्य सरकार का है. और, उसमें भी कहा जा रहा है कि इसकी बाद में समीक्षा होगी. बिहार की जनता को बेवकूफ न समझें.
वही सोशल एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने कहा है मोदी महिलाओं को रिश्वत दे रहे है. चुनाव से पहले रेवडिया बांटी जा रही है. चुनाव आयोग को क्या ये नजर नहीं आ रहा?

- मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि जिन महिलाओं का रोजगार बेहतर तरीके से आगे बढ़ेगा, उन्हें आगे चलकर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इससे महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं या पहले से चल रहे छोटे व्यापार को बढ़ा सकती हैं।
- बिहार में 3.41 करोड़ महिला वोटर हैं। इनमें 1.36 करोड़ जीविका दीदी हैं। यानी करीब 40% महिला वोटर जीविका दीदी योजना से जुड़ी हैं। इस लिहाज से उनके खाते में 10 हजार रुपए भेजने का फैसला नीतीश का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 26 सितंबर से शुरू होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 लाख महिलाओं को 7,500 करोड़ रुपए देंगे। बिहार सरकार 6 महीने इन महिलाओं का काम देखेगी और आगे 2-2 लाख रुपए देगी।
योजना का ऐलान होने के शुरुआती तीन दिनों में ही 55 लाख से ज्यादा महिलाओं ने आवेदन कर दिया। हालांकि उनकी शिकायत है कि 10 हजार रुपए में कौन सा काम शुरू होता है। अगर सरकार मदद करना चाहती है तो कर्ज माफ कर दे। ऐसा हो जाए, फिर सभी लोग नीतीश-मोदी के साथ रहेंगे।
लेकिन क्या चुनाव से पहले इस तरह कॅश ट्रांसफर करना जायज है? यह खुलेआम तौरपर और नैतिकता की दृष्टी से भी गलत है.