आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद ८ अक्टूबर को अखिलेश यादव उनसे मुलाकात करेंगे. कभी समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे आजम खान लगभग २ वर्षो बाद जेल से बहार आये हैं ऐसे में वह समाजवादी पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण है इसकी तरफ सबकी निगाहे लगी है.
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे आजम खान का एक समय यूपी के मुस्लिम वोटों पर बहुत प्रभाव था. २०१२ में बनी सपा सरकार में उनके में उनका कद काफी ऊँचा था. लेकिन, अब संपत्ति हथियाने, फ्रॉड और भ्रष्टाचार के आरोपों में बुरी तरह फंसे आजम खान की सियासत भी उलझ कर रह गई है. करीब दो साल बाद उन्हें जमानत तो मिल गई है, लेकिन बाईट २ वर्षो में उत्तर प्रदेश की राजनीती में काफी बदलाव देखने को मिले हैं. ऐसे में वह ८ अक्टूबर को अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे. लेकिन, उसके अगले दिन 9 अक्टूबर को कांशीराम परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष में मायावती की रैली होने वाली है. जिनकी ओर आजम खान का ताजा झुकाव बताया जा रहा है. आजम खान के इर्द-गिर्द जो राजनीति चल रही है, वह किस करवट बैठेगी इसपर यूपी की भविष्य की राजनीती निर्भर करने की संभावना है.

कांशीराम की पुण्यतिथि से पहले मुलाकात
८ अक्टूबर की सुबह रामपुर में आजम खान से अखिलेश यादव मुलाकात करेंगे। २२ सितंबर को जेल से छूटे आजम खान से अखिलेश १६ दिन बाद मिलेंगे. चर्चा है कि अखिलेश यादव ने आजम से मुलाकात के लिए ८ अक्टूबर का दिन इसलिए चुना है कि उसी के अगले दिन ९ अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर बीएसपी की रैली होने वाली है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार आजम खान की पत्नी ने मायावती से मुलाकात की है. ऐसे में आजम खान के बसपा की ओर किसी झुकाव को न्यूट्रल करने के लिए अलिखेश उनसे ऐन मौके पर मुलाकात कर रहे हैं. क्योंकि, अलिखेश कभी नहीं चाहेंगे कि अपने राजनीतिक वजूद कायम रखने के लिए छटपटा रही मायावती और आजम खान का किसी तरह गठजोड़ हो.