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नमक की तरह हूँ मैं ,कम से न बनेगी बात… सीट बटवारा मुद्दे पर चिराग का अलग अंदाज़ ..

नमक की तरह हूँ मैं ,कम  से न बनेगी बात… सीट बटवारा मुद्दे पर चिराग का अलग अंदाज़ ..

बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है. इस सियासी जंग से पहले दोनों ही गठबंधनों में सीटों को लेकर पेंच फंसा है. महागठबंधन में जहां कांग्रेस सीटों को लेकर अड़ी है तो एनडीए में चिराग अपनी मांग को लेकर सख्त नज़र आ रहे है.

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने कहा कि मेरी पार्टी का हर सीट पर 20 हजार से 25 हजार वोटों पर प्रभाव रखती है.
चिराग अपने इस बयान से एनडीए और सूबे की सत्ता में अपनी अहमियत बता रहे हैं. सूत्रों के अनुसार चिराग 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी 25 सीट से ज्यादा देने पर राजी नहीं है. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खुद को नमक की तरह महत्वपूर्ण बताकर कहा कि जैसे किसी भी सब्जी के लिए नमक जरूरी होता है वैसे ही वो भी एनडीए के लिए जरुरी हैं.

2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग अकेले चुनाव लड़े थे. उन्होंने 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और सिर्फ एक पर जीत मिली थी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 5 सीटों पर लड़ी और सभी पर जीत मिली. एलजेपी के वोट प्रतिशत में भी 1 परसेंट का उछाल आया था .

सम्मानजनक सीटें चाहते हैं चिराग
चिराग ने कहा कि हमें सम्मानजनक सीटें चाहिए. उन्होंने कहा कि एलजेपी (रामविलास) औपचारिक रूप से बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का सदस्य नहीं है. वह केवल सरकार का समर्थन कर रहे है और केंद्र में वह एनडीए का हिस्सा हैं . उन्होंने यह संकेत नहीं दिया की अगर उनको अपेक्षित सीट नहीं मिली तो उनके पास गठबंधन से बाहर निकलने का विकल्प भी मौजूद है.चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नेतृत्व करते हैं. 2024 के आम चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने जिन पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था, उन सभी पर जीत हासिल की और 6 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए. इसलिए बीजेपी जानती है कि चिराग पासवान इस बार और भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं.

चिराग की मांग और बीजेपी का ऑफर
चिराग ४० सीट चाहते हैं. बीजेपी २५ से ज्यादा पर राजी नहीं है. चिराग मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हैं और अपनी पार्टी के लिए भविष्य में केंद्र में बड़ी भूमिका की मांग कर सकते हैं. बीजेपी को इस बात का भी ख़्याल है कि चिराग पासवान की पार्टी को बहुत ज्यादा रियायतें देने से उसके दूसरे सहयोगी खासकर जेडीयू नाराज हो सकता है. बीजेपी के लिए दोनों ही जरूरी हैं. ऐसे में वो दोनों में किसी को भी नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती. 2020 के चुनावों में जेडीयू ने कुल 243 सीटों में से 115 पर,बीजेपी ने 110 पर और सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने क्रमशः 11 और आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी को 74 और जेडीयू को 43 सीटों पर जीत मिली थी.

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