बिहार की तरह झारखंड सरकार भी जातिगत जनगणना चाहती है। जातीय जनगणना के लिए हेमंत सोरेन सरकार केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार के बाद अब झारखंड से सर्वदलीय प्रतिनिधि पीएम नरेंद्र मोदीसे मुलाकात कर सकते हैं. इसके लिये 12 से 20 सितंबर के बीच पीएम मोदी से मुलाकात का समय मांगा गया है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधान सभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में की. इस मौके पर सीएम ने कहा कि जातिगत जनगणना और पिछड़ों के आरक्षण पर हमारी सरकार ने सकारात्मक कदम बढ़ाया है. मिली जानकारी के अनुसार इस प्रतिनिधि मंडल में 9 सदस्य शामिल होंगे.
गिरिडीह विधायक के प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए सीएम ने कहा कि पूरे देश में आरक्षण की मांग बढ़ती जा रही है। हर राज्य में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक झारखंड से जातिगत आधार पर जनगणना का कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा जा सका है। इस मसले पर पीएम को मेल कर सर्वदलीय टीम के साथ 12-20 सितंबर के बीच मीटिंग का समय मांगा है, ताकि सब अपनी बात रख सकें।
मानसून सत्र के दौरान ये पहला मौका था, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक सुर में सुर मिलाते दिखे. अब देखना होगा कि कब पीएम नरेंद्र मोदी का बुलावा आता है, और कब झारखंड से सर्वदलीय प्रतिनिधि जातिगत जनगणना और पिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे पर दिल्ली कूच करते हैं. साथ ही यह देखना भी दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी बिहार के बाद झारखंड सरकार के रुख पर क्या कहते हैं.
जातीय आधारित जनगणना मामले को लेकर कुछ दिनों पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पीएम से मुलाकात की थी. इसमें राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई नेता शामिल थे.