भारत में जब फेमिनिज़्म यानी नारीवाद का कोई नाम भी ढंग से नहीं जानता था, उस वक्त बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर ने नारी सशक्तिकरण के ऐसे काम किए जिससे आज भारतीय महिलाएं अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी हैं।
‘मैं किसी समाज की तरक्की इस बात से देखता हूं कि वहां महिलाओं ने कितनी तरक्की की है।’ महिलाओं के उत्थान के लिए बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर कितने गंभीर थे…ये बताने के लिए उनका ये एक कथन ही काफी है। भारत में जब फेमिनिज़्म यानी नारीवाद का कोई नाम भी ढंग से नहीं जानता था, उस वक्त बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर ने नारी सशक्तिकरण के ऐसे काम किए जिससे आज भारतीय महिलाएं अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी हैं।
20वीं शताब्दी में बाबा साहब पहले वो व्यक्ति थे जिन्होंने ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को खुली चुनौती दी थी लेकिन विडंबना देखिए… इतना सब कुछ करने के बाद भी बाबा साहब भारत में नारीवाद का चेहरा नहीं बन पाए। लोगों ने उन्हें सिर्फ दलितों के नेता और संविधान निर्माता तक सीमित कर दिया जबकि महिलाओं की भलाई के लिए उनके जितने काम शायद ही किसी भारतीय नेता ने किए हों। उनकी मॉडर्न थींकिंग और दूरदर्शिता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि जब भारतीय समाज महिलाओं को चार दीवारी में कैद रखे हुए था तब उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव दिलाई। आइए आपको बताते हैं कि महिलाओं की भलाई के लिए बाबा साहब ने क्या कुछ किया।