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फिल्म जय भीम लोगों को क्यों आ रही है पसंद !

फिल्म जय भीम लोगों को क्यों आ रही है पसंद !

जय भीम… ये दो शब्द अपने आप में वंचितों–शोषितों के संघर्ष और आत्मसम्मान की लड़ाई को बयां करते है, क्योंकि जय भीम सिर्फ नारा नहीं बल्कि ज़ुल्म के खिलाफ विद्रोह का नाम है। इसी कड़ी में तमिल सिनेमा जगत से एक शानदार फिल्म रिलीज़ हो चुकी है जिसका नाम है जय भीम…

जयभीम यह केवल एक संबोधन नहीं बल्कि स्वाभिमान का प्रतिक है. जयभीम यह इंसानियत है. जयभीम विषमता, भेदभाव के अंधेरे को मिटाकर समानता का उजाला स्थापित करने का ध्येय है.इसलिए अमेजॉन प्राइम पर इस फिल्म को जरूर देखें, इस कोर्टरूम ड्रामा जय भीम, जिसका प्रीमियर 2 नवंबर को प्राइम वीडियो पर किया गया है, एक चेंजमेकर की कहानी है, जिसने अपने दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ उत्पीड़ित आदिवासी दंपति के जीवन में क्रांति ला दी

कानून की ताकत और न्याय की लड़ाई की प्रतीक, सूर्या-स्टारर 5 भाषाओं – तमिल, तेलुगु, हिंदी, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज़ की गई है।रिलीज के कुछ ही समय के भीतर, फिल्मी हस्तियों से लेकर नेताओं और प्रशंसकों तक, इस सोची-समझी और कड़ी मेहनत वाली फिल्म को हाल के समय की सबसे महत्वपूर्ण और सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्मों में से एक के रूप में सोशल मीडिया पर ले तारीफ़ कर रहे हैं।

आइए, ‘जय भीम’ के लिए हो रही चर्चा पर एक नज़र डालते है:

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते है, वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते है हिंदी की किसी फ़िल्म में ये सवाल नहीं पूछा गया कि – “महान लोगों के नाम पर सिर्फ़ गांधी और नेहरू क्यों दिखाए जाते हैं? आंबेडकर क्यों नहीं दिखाए जाते?” पेरियार की धरती पर ही कुछ ज़रूरी सवाल पूछे जाते हैं और जवाब खोजे जाते हैं। शुक्रिया पेरियार।

साउथ के सुपरस्टार कमल हसन ने भी तमिल में अपनी प्रतिक्रिया लिखी है.

अमन कांबले लिखते है, दक्षिण की फ़िल्मों के सुपरस्टार Suriya Sivakumar ने OBC होकर “जय भीम” फ़िल्म कैसे बनाई। तमिलनाडु में ऐसा ही होता है।सिर्फ फ़िल्म नहीं बनाई, जिन आदिवासियों पर फ़िल्म बनाई, उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए ₹1 करोड़ रुपए भी दिए और NEET में बच्चों को जगह दिलाने के लिए आवाज़ भी उठाई।

‘जय भीम’ 1990 के दशक में तमिलनाडु में हुई सच्ची घटनाओं पर आधारित एक सोची-समझी कहानी है। लोकप्रिय एडवोकेट और जज – न्यायमूर्ति चंद्रू के जीवन पर आधारित वास्तविक जीवन की घटनाओं से प्रेरित होकर, यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने कर्तव्य की पुकार से परे कैसे काम किया। फिल्म का ट्रेलर, जो हाल ही में कई भाषाओं में लॉन्च किया गया था जिसमें प्रशंसकों ने सूर्या के बेजोड़ अभिनय कौशल की प्रशंसा की है। 

हंसराज मीणा लिखते है, शिक्षित बनो, संगठित रहो। संघर्ष करो। – डॉ. आंबेडकर #जयभीम #JaiBhim

यह था. से. ज्ञानवेल द्वारा लिखित और निर्देशित है और लोकप्रिय अभिनेता सूर्या के साथ प्रकाश राज, राव रमेश, राजिशा विजयन, मणिकंदन और लिजो मोल जोस के साथ प्रमुख भूमिकाओं में हैं। 

जय भीम का निर्माण सूर्या और ज्योतिका ने 2डी एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया है।  राजसेकर कर्पूरसुंदरपांडियन द्वारा सह-निर्मित, जय भीम में म्यूजिक सीन रोल्डन ने दिया है। इस फिल्म के पीछे की टीम में डीओपी एसआर काधीर, संपादक फिलोमिनराज और कला निर्देशक काधीर भी शामिल हैं। जय भीम अब अमेज़न प्राइम वीडियो पर 240 देशों और क्षेत्रों में तमिल, तेलुगु, हिंदी, मलयालम और कन्नड़ में स्ट्रीम कर रही है। देखना न भूलें!

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1 Comment

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  • Vaibhavi Bhosale , November 6, 2021 @ 8:30 pm

    Speechless

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