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किसानों का भारत बंद रहा सफल, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा असर

किसानों का भारत बंद रहा सफल, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा असर

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को बुलाया गया किसानों का भारत बंद सफल रहा। सुबह 6 से शाम 4 बजे तक रहे बंद के दौरान कई नेशनल और स्टेट हाईवे ब्लॉक रहे। कई रूट डायवर्ट करने पड़े। ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई। दिल्ली से जाने वाले कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं। बंद का असर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा दिखाई दिया। इसके अलावा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत देश के अन्य हिस्सों में बंद का मिला-जुला असर रहा.वही दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर को भी 10 घंटे बाद खोल दिया गया।

कांग्रेस, RJD, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और लेफ्ट पार्टियों ने भारत बंद का समर्थन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि किसानों का अहिंसक सत्याग्रह आज भी अखंड है, लेकिन शोषण-कार सरकार को ये नहीं पसंद है। इसलिए आज भारत बंद है।

बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा ‘केंद्र द्वारा जल्दबाजी में बनाए गए तीन कृषि कानूनों से असहमत व दुखी देश के किसान इनकी वापसी की मांग को लेकर लगभग 10 महीने से पूरे देश व खासकर दिल्ली के आसपास के राज्यों में तीव्र आन्दोलित हैं- ‘भारत बंद ‘ के शांतिपूर्ण आयोजन को बसपा का समर्थन।

‘वहीं समाजवादी पार्टी ने भी ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है। किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कहा कि भारत बंद पूरी तरह कामयाब रहा। अब संयुक्त किसान मोर्चा आगे की रणनीति बनाएगा। इस बीच प्रदर्शन के दौरान दिल्ली-सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी जान गई है। मृतक किसान की पहचान भगेल राम के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद इसे लेकर ज्यादा जानकारी दी जा सकेगी।

किसान नेताओं ने कहा कि भारत बंद को पिछले कई साल में इतना समर्थन कभी नहीं मिला था। 25 से ज्यादा राज्यों में बंद कामयाब हुआ है। जब तक किसान विरोधी कानून वापस नहीं लिए जाते और MSP की गारंटी देने वाला केंद्रीय कानून न हो, हम तब तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।किसानों का भारत बंद रहा सफल, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ज्यादा असर

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