बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और दीपू चंद्र दास की बेरहमी से की गई मॉब लिंचिंग के विरोध में वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों ने बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी, जिसने भीड़ को आगे बढ़ने से रोक दिया.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और खासकर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार और दीपू चंद्र दास की बेरहमी से की गई मॉब लिंचिंग के खिलाफ देशभर में उबाल देखा गया. विभिन्न हिन्दू संगठन के सदस्यों ने दिल्ली बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी, जिसने भीड़ को आगे बढ़ने से रोक दिया. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश का झंडा जलाकर गुस्से का इजहार किया. वहीं पुलिस ने उन्हें पकड़कर किसी से वहां से हटाया.
दरअसल बांग्लादेश में हाल के दिनों में हुई हिंसक घटनाओं ने न सिर्फ वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि भारत-बांग्लादेश संबंधों में भी तनाव साफ तौर पर दिखाई देने लगा है. छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भारत विरोधी प्रदर्शनों और फिर मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग को लेकर दोनों देशों के रिश्तें काफी बिगड़ गए हैं.
उधर, बांग्लादेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय मेडिकल छात्रों की सुरक्षा को लेकर ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AIMSA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. संगठन का कहना है कि बांग्लादेश में हालात बेहद अस्थिर हैं और छात्र डर व असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं. AIMSA ने सरकार से कूटनीतिक पहल, दूतावासों की सक्रिय भूमिका और छात्रों व उनके परिवारों के साथ पारदर्शी संवाद की अपील की है.
वहीं भारत के साथ बढ़ते तनाव और विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर बांग्लादेश ने नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग और त्रिपुरा के सहायक मिशन में भी वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं. ढाका की ओर से जारी सार्वजनिक सूचना में कहा गया कि ‘अपरिहार्य परिस्थितियों’ के चलते यह फैसला लिया गया है. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में वीजा आवेदन प्रक्रिया संभालने वाले एक निजी ऑपरेटर ने भी अपनी सेवाएं रोक दी हैं.


