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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कोकाटे को धोखाधड़ी मामले में मिली जमानत, कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से किया इन्कार

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कोकाटे को धोखाधड़ी मामले में मिली जमानत, कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से किया इन्कार

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कोकाटे को धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत मिल गई है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोकाटे पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों के बाद यह मामला सामने आया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

नई दिल्ली। बॉम्बे हाई कोर्ट ने राकांपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को धोखाधड़ी मामले में जमानत दे दी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा ने अपने आदेश में कहा कि अदालत दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगा सकती, क्योंकि प्रथम दृष्टया सुबूत राकांपा नेता की इस मामले में संलिप्तता की तरफ इशारा करते हैं।

कोकाटे पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए सरकारी योजना में झूठा हलफनामा दाखिल कर फ्लैट हासिल करने का आरोप है। हाई कोर्ट ने पाया किया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने कोकाटे को केवल दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई और वह सत्र न्यायालय में मुकदमे और अपील की सुनवाई के दौरान जमानत पर थे। इसलिए हाई कोर्ट उन्हें जमानत देने के पक्ष में है।

हाई कोर्ट ने कहा कि सजा स्थगित करने की अर्जी को स्वीकार किया जाता है। याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी। न्यायमूर्ति लड्ढा ने सत्र न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ कोकाटे की पुनरीक्षण याचिका को भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया, जिसमें उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था। नासिक जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को कोकाटे की सजा को बरकरार रखा।

कोकाटे ने गुरुवार रात को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। कोकाटे खेल एवं युवा मामलों के विभाग के प्रभारी थे। नासिक पुलिस की एक टीम गिरफ्तारी वारंट को तामील करने के लिए गुरुवार देर रात बांद्रा पहुंची थी। कोकाटे के खिलाफ यह मामला 1989-1992 का है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आवास योजना शुरू की गई थी। ये फ्लैट उन लोगों को मिलने थे, जिनकी वार्षिक आय सीमा 30,000 रुपये थी। कोकाटे पर झूठे आय प्रमाण पत्र जमा कर योजना में अपने लिए एक फ्लैट हासिल करने का आरोप था।

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