पुणे एयरपोर्ट परिसर में अप्रैल से घूम रहा तेंदुआ आखिरकार हाई-टेक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षित पकड़ लिया गया. इस तेंदुए ने अंडरग्राउंड सुरंगों, घनी झाड़ियों के बीच कैमरों को नुकसान पहुंचाकर महीनों तक टीमों को चकमा दिया. अब वन विभाग, भारतीय वायुसेना और एयरपोर्ट अथॉरिटी की कार्रवाई में ट्रैंक्विलाइज किया गया है.
पुणे एयरपोर्ट परिसर में पिछले सात महीने से घूम रहे तेंदुए को आखिरकार एक संयुक्त अभियान के बाद सुरक्षित रूप से बेहोश कर पकड़ लिया गया. अप्रैल के अंत से दिखाई दे रहा यह नर तेंदुआ पकड़ में नहीं आ रहा था. इस बार वन विभाग, एयरपोर्ट प्राधिकरण, भारतीय वायुसेना और RESQ चैरिटेबल ट्रस्ट की टीमों ने मिलकर बड़ी सावधानी से ट्रैंक्विलाइज कर रेस्क्यू किया.
एजेंसी के अनुसार, तेंदुए की पहली मौजूदगी 28 अप्रैल को कैमरे में दर्ज हुई थी. इसके बाद 19 नवंबर को वह फिर दिखाई दिया. अधिकारियों के अनुसार, एयरपोर्ट परिसर में मौजूद घनी झाड़ियां, कम आवाजाही वाले क्षेत्र और अंडरग्राउंड सुरंगों की वजह से तेंदुआ टीमों को चकमा देता रहा. महीनों तक ट्रैप केज, लाइव कैमरे और कैमरा ट्रैप के बाद भी वह पकड़ में नहीं आ सका. तेंदुआ पिंजरे में घुसने से बचता था. कई बार कैमरे भी तोड़ देता था.
4 दिसंबर को पता चला कि तेंदुआ अंडरग्राउंड सुरंगों में घुस चुका है. इसके बाद तुरंत सुरंग के सभी बाहरी निकास बंद कर दिए गए. अंदर कुछ और लाइव कैमरे लगाए गए, ताकि तेंदुए की हरकतों पर नजर रखी जा सके.और आखिरकार १२ दिसंबर को तेंदुआ पकड़ा गया.


