निजी वाहन घर के बाहर खड़े कर रहे हैं तो जेब ढीली करने के लिए तैयार हो जाइए. उत्तर प्रदेश के 17 ऐसे शहर हैं, जिनमें घर के बाहर वाहन खड़ी करने वालों को अब पार्किंग शुल्क देना पड़ेगा. शहर के मुख्य मार्ग हों या फिर कालोनियों की आंतरिक सड़क, सभी स्थानों पर यह व्यवस्था लागू होगी.
मथुरा: उत्तर प्रदेश के 17 ऐसे शहर हैं, जिनमें प्रदेश सरकार की ओर से एक जिओ लागू करने की तैयारी चल रही है. इन शहरों में रहने वाले लोगों को अब सड़क पर घर के सामने वाहन खड़ा करने पर पार्किंग शुल्क देना होगा. यह पार्किंग शुल्क कब से लागू होगा और पार्किंग शुल्क किस तरह से नगर निगम वसूल करेगा, वह हम आपको बता रहे हैं. यूं कहें कि नगर निगम की सीमा में आने वाले लोगों की जेब और ढीली होगी तो इसमें कोई हिचकिचाहट वाली बात नहीं है.
उत्तर प्रदेश का मथुरा जैसे-जैसे हाईटेक होता जा रहा है, शहर में रहने वाले लोगों के पास फोर व्हीलर गाड़ियां भी बढ़ रही हैं. घर में गाड़ियों को खड़ी करने की जगह जो सड़क पर गाड़ी खड़ी कर रहे हैं, उनकी जेब ढीली होने वाली है. प्रदेश सरकार ने मथुरा के साथ-साथ ऐसे 16 शहरों को चिन्हित किया है, जिनमें ट्रैफिक व्यवस्था लचर रहती है.
देना होगा पार्किंग शुल्क
विगत माह नगर निगम कार्यालय में हुई अधिकारियों की बैठक में यह चर्चा हुई थी कि नगर निगम की सीमा में आने वाले सभी मार्गों पर कुछ लोग अपने वाहन रात्रि के समय वहां खड़े कर देते हैं, जिससे लोगों को कई परेशानियां उठानी पड़ती है. प्रदेश सरकार की ओर से जो नियम पारित किया जाना है, उसके ऊपर चर्चा चल रही है.
सहायक नगर आयुक्त राकेश त्यागी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान कई बातों का स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने बताया कि निजी वाहन घर के बाहर खड़े कर रहे हैं. घर के बाहर वाहन खड़े करने वालों को अब पार्किंग शुल्क देना पड़ेगा. शहर का मुख्य मार्ग हो या फिर कालोनियों की आंतरिक सड़क, सभी स्थानों पर यह व्यवस्था लागू होगी. जिनके पास चार पाहिया गाड़ी खड़ी करने की सुविधा नहीं है, उन लोगों को सड़कों पर रात में गाड़ी खड़ी करने के एवज में पार्किंग शुल्क देना होगा.
इतने रुपये होगा पार्किंग का चार्ज
नगर निगम रात्रि पार्किंग के लिए कुछ स्थान भी आरक्षित करेंगे. फिलहाल उत्तर प्रदेश के 17 शहरों के लिए अधिसूचना जारी की गई है. साथ ही शहर में जाम की समस्या को देखते हुए त्योहारों व मेलों के मौके पर फ्लाई ओवर के नीचे पार्किंग की वैकल्पिक सुविधा दी जाएगी, जिसके लिए 2400 रुपए मासिक वसूला किया जाएगा.हरियाली वाले स्थानों पर पार्किंग का ठेका नहीं दिया जाएगा. पीपीपी मॉडल पर भी पार्किंग की सुविधा विकसित करने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. उन्होंने ने बताया कि यातायात, एआरटीओ, पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है, जिसकी मीटिंग एक माह पहले हो चुकी है. जल्द ही अगली बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया जाएगा.


