बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के दिग्गज नेताओं में शामिल शम्सुद्दीन राईन को बीएसपी से निष्कासित कर दिया। शम्सुद्दीन के ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने और बीएसपी के अंदर गुटबादी करने का आरोप लगाया गया है। बीएसपी के यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल की तरफ से जारी किए गए निष्कासन पत्र में कहा गया है कि शम्सुद्दीन राईन को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन जब उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियां नहीं रुकीं तो उन्हें बीएसपी से बाहर करने का फैसला लिया गया है।
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने लखनऊ और कानपुर मंडल के कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन राईन को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. शमसुद्दीन पर पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी पैदा करने के कारण कार्रवाई की गई है. बसपाअध्यक्ष मायावती ने 9 अक्टूबर को कांशीराम स्मारक स्थल में आयोजित महारैली कार्यक्रम में मंच से शमसुद्दीन राईन की तारीफ की थी.

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल की तरफ से गुरुवार को जारी किए गए पत्र में जिक्र किया गया है कि झांसी के रहने वाले बीएसपी के लखनऊ और कानपुर मंडल के मंडल प्रभारी शमसुद्दीन राय लगातार अनुशासनहीनता कर रहे थे और पार्टी के अंदर गुटबाजी भी कर रहे थे. कई शिकायतें पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से मिली थीं. इसके बाद जांच कराई गई तो शिकायत सही पाई गई. इसके बाद गुरुवार को उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया है. विश्वनाथ पाल ने ईटीवी भारत को बताया कि शमसुद्दीन राईन को इस मामले में कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी थी, लेकिन उनकी गतिविधियों और कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ. पार्टी और मूवमेंट हित में बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के संज्ञान में लाकर उनको पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है.
कौन हैं समसुद्दीन राईन?
शम्सुद्दीन राईन की बसपा में ऐसे नेताओं के तौर पर गिनती होती थी जिनका न तो कोई राजनीतिक बैकग्राउंड और न ही कोई सियासी गॉड फॉदर रहा है. उन्होंने बसपा में एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर अपना सफर शुरू किया और अपने काम से न सिर्फ बसपा में अपने आपको मजबूत किया है बल्कि वो पार्टी प्रमुख मायावती के सबसे भरोसेमंद कोऑर्डिनेटरों में से एक भी रहे.
शम्सुद्दीन झांसी के रहने वाले हैं. उनका जन्म 7 मई 1978 को हुआ है. उनके पिता का नाम निजाम राईन है. शम्सुद्दीनराईन अपने परिवार से पहले शख्स हैं, जिन्होंने सियासत में कदम रखा है. 20 साल की उम्र में ही समसुद्दीन बसपा के साथ जुड़ गए थे और एक साधाराण कार्यकर्ताओं के तौर पर अपना सफर शुरू किया था. बूथ अध्यक्ष से होते हुए विधानसभा और फिर जिला संगठन में जगह बनाई.