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सपा और कांग्रेस घोर जातिवादी, कांशीराम परिनिर्वाण दिवस को लेकर मायावती ने क्या कहा ?

सपा और कांग्रेस घोर जातिवादी,  कांशीराम परिनिर्वाण दिवस को लेकर मायावती ने क्या कहा ?

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सपा ने ना केवल मान्यवर कांशीरामजी के जीते जी उनके पार्टी के साथ दग़ा किया बल्कि उनके आंदोलन को उत्तर प्रदेश में कमज़ोर करने की लगातार कोशिश भी की है.

लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर ज़ोरदार हमला बोला है. गुरुवार को बसपा के संस्थापक कांशीरामजी के परिनिर्वाण दिवस पर शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटी मायावती ने सपा द्वारा इसी दिन किये जाने वाले आयोजनों को छलावा क़रार दिया है. मायावती ने सपा और कांग्रेस को बहुत जातिवादी और कांशीराम का विरोधी क़रार देते हुए बहुजन समाज से सावधान रहने की अपील की है.

मुँह में राम और बगल में छुरी जैसी हालत
मायावती ने X पर एक पोस्ट में लिखा है कि देश में जातिवादी व्यवस्था के शिकार दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े बहुजनों को शोषित से शासक वर्ग बनाने में मान्यवर कांशीराम की अहम् भूमिका रही है. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के मिशनरी ,आत्म सम्मान व स्वाभिमान आंदोलन के कारवाँ को ज़िंदा करके उसे नयी गति प्रदान करने वाले बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के प्रति कांग्रेस , सपा जैसी विरोधी पार्टियों का रवैया हमेशा से ही जातिवादी एवं द्वेषपूर्ण रहा है। ९ अक्टूबर को कांशीरामजी के परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी करने की सपा की घोषणा यह एक छलावा है, इन पक्षों के मुँह में राम और बगल में छुरी जैसी हालत है.

कांशीरामजी के नाम से बानी संस्थाओं का बदल दिया नाम

सपा ने ना केवल मान्यवर कांशीरामजी के जीते जी उनके पार्टी के साथ दगा करके उनके आंदोलन को यूपी में कमज़ोर करने की लगातार कोशिश की है बल्कि बीएसपी द्वारा सन २००८ में कासगंज को जिला मुख्यालय का दर्जा देकर कांशीराम नगर के नाम से बसाए गए ज़िले के नाम को बदल दिया. मायावती ने कहा कि मान्यवर कांशीरामजी के नाम से कई विश्वविद्यालय, अस्पताल व् अन्य संस्थाएं बनायीं गयी थी उनका भी नाम सपा सरकार द्वारा बदल दिया गया है.
इससे सपा की दलित विरोधी चाल साफ़ नज़र आती है.

कांशीरामजी के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था

इतना ही नहीं बल्कि कांशीराम जी के देहांत के बाद न तो उत्तर प्रदेश सरकार ने और न ही केंद्र की कांग्रेस सरकार ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया ताकी दुःख मे डूबे लोगों को खुद को सँभालने के लिए थोड़ा समय मिल सके. लेकिन फिर भी समय समय पर संकीर्ण राजनीती और वोट बटोरने के लिए सपा और कांग्रेस जैसे पक्ष मान्यवर कांशीराम को समर्थन का विशुद्ध दिखावा करते हैं. इस प्रकार की ग़लत जातिवादी व संकीर्ण सोच वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस से सावधान रहने का आवाहन भी मायावती ने सामान्य जनता से किया.

बता दें परिनिर्वाण दिवस पर बसपा द्वारा लखनऊ में कांशीराम स्मारक स्थल पर राज्य स्तरीय आयोजन किया जा रहा है इसमें लाखों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन कर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की तैयारी बसपा कर रही है। इस बीच सपा ने भी गुरुवार को कांशीराम परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि सभा और संगोष्ठी का आयोजन करने के निर्देश जिला कार्यालयों को दिए हैं।

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